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Anand Mohan Singh: कौन है आनंद मोहन सिंह जिसे 16 साल बाद जेल से रिहाई मिलने पर खड़े हो रहे सवाल, जानिए

 

बिहार सरकार ने जेल नियमों में संशोधन करते हुए 27 दोषियों को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है, जिसमें आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) का भी नाम है. आनंद की रिहाई को लेकर बिहार सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि आनंद 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में अजीवन कारावास की काट रहे थे लेकिन अब उन्हें जेल रिहा कर दिया गया है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर कौन हैं आनंद मोहन सिंह जिन्हें 16 साल बाद जेल से मुक्ति से मिली है...

आनंद का राजनीतिक सफर

28 जनवरी 1954 को बिहार में आनंद मोहन सिंह का जन्म हुआ था. बिहार के कोसी में 1990 में आनंद की राजनीति की शुरुआत हुई थी. फिर सहरसा से पहली बार वह बिधायक बने और राजनीति में अपना पैर जमाया. 1996 में समता पार्टी के टिकट पर शिवहर से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. 1998 में लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता पार्टी के टिकट पर शिवहर से विजय प्राप्त की. फिर 1999 और 2004 में दो बार चुनाव लड़े लेकिन दोनों बार सफलता नहीं मिली.

क्या था मामला?

5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया हाजीपुर से गोपालगंज लौट रहे थे, तभी मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन के समर्थक डीएम की कार को देखकर विरोध करने लगे. पहले तो डीएम को पीटा गया, इसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस दौरान आनंद पर आरोप लगा कि भीड़ को उन्होंने ही उकसाया था.

क्यों हुई थी जेल?


मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो पहले तो सुनवाई चलती रही फिर 12 साल बाद 2007 में लोअर कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा का ऐलान कर दिया. देश में पहली बार किसी राजनेता को मौत की सजा सुनाई गई थी. फिर एक साल बाद ही 2008 में हाईकोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया. चार साल बाद जब 2012 आई तो आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा कम करने की याचिका दाखिल कर अपील की. हालांकि कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. वहीं अब 16 साल सहरसा जेल में काटने के बाद गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह जेल से रिहा कर दिया गया है, जिसकी पुष्टि एक जेल अधिकारी ने की है.

बिहार सरकार ने जेल नियमों में संशोधन कर आनंद मोहन सिंह सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी है इस डीएम की बेटी पर पद्मा ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है वह बहुत ही गलत है. हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करे. हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे".

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