Parking Problem: गुजरात में लगातार पार्किंग समस्या बढ़ते ही जा रहा है, सरकार ने उठाए कड़े कदम!

 
Parking Problem: गुजरात में लगातार पार्किंग समस्या बढ़ते ही जा रहा है, सरकार ने उठाए कड़े कदम!

गुजरात के सभी प्रमुख शहरों में वाहनों की बढ़ती जनसंख्या और कम होते पार्किंग स्थलों के मद्देनजर, राज्य सरकार ने अब से सभी टाउन प्लानिंग स्कीम के तहत 1 प्रतिशत जमीन आवंटित करने का फैसला किया है। ऐसा करना अनिवार्य होगा और पार्किंग स्थल को खुले आसमान के नीचे बनाना होगा। 

यह कानून भी है

हालांकि सरकार ने पहले ही आवासीय हो या व्यावसायिक सभी भवनों में पार्किंग की जगह उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन इसका पालन बहुत कम हो रहा है। नतीजतन, सभी शहरों और कस्बों को पार्किंग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात में शहरीकरण की बढ़ती रफ्तार से स्थिति और भी खराब हो जाती है। गुजरात की 46 प्रतिशत आबादी अब प्रमुख शहरों, टाउन (कस्बों) और उप-शहरी क्षेत्रों में रहती है। इस फैसले को लागू करने के लिए राज्य सरकार पहले ही अधिसूचना जारी कर चुकी है

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चल रही हैं ये योजनाएं

सरकार ने 843 टीपी योजनाओं की पहचान की है और उनमें से ज्यादातर अहमदाबाद में हैं। अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (एयूडीए) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों सहित अहमदाबाद में लगभग 364 टीपी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हम देखेंगे कि इन योजनाओं में आने वाली इमारतों में पर्याप्त पार्किंग सुविधा हो।"

बेतहाशा बढ़ी वाहनों की संख्या

वाहन घनत्व और वाहनों की संख्या को देखते हुए, पार्किंग एक अहम मुद्दा है जिसका सामना शहर कर रहे हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो दशकों में गुजरात में वाहनों की संख्या 73.5 फीसदी बढ़ी है। वाहनों की संख्या भी पिछले साल 3.10 करोड़ से ज्यादा हो गई, जो 2001 में 0.56 लाख थी। सूरत शहर में वाहनों का घनत्व सबसे ज्यादा है.

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