केंद्र सरकार से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए नियम बनाने की मांग

 
केंद्र सरकार से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए नियम बनाने की मांग

नई दिल्ली: चिटफंड कंपनियों के कारण धुमिल हो रही अपनी छवि से चिंतित डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां अब चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए खुद आगे आने लगी है। डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की ऐसोसिएशन एडीएसईआई (एसोसिएशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एंटिटी ऑफ इंडिया) ने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को लेकर केंद्र सरकार से नियम बनाने की मांग की है ताकि चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा कसा जा सके। डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की ऐसोसिएशन एडीएसइआई का मानना है कि रूल्स बनने के बाद रोजगार सर्जन,आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना एवं वोकल फ़ॉर लोकल के उद्देश्य से कार्य कर रही डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए काम करना और भी आसान हो सकेगा।

रविवार को रोहिणी के एक फाइव स्टार होटल में आयोजित डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के समिट में एकजुटता से यह निर्णय लिया गया कि इस संबंध में जल्दी ही एडीएसईआई का एक प्रतिनिधि मंडल केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों से मिलेगा।

समिट में देश भर की लगभग 50 से अधिक डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के डायरेक्टर्स ने हिस्सा लिया और भविष्य की योजनाओं और इस व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों के सामने आ रही समस्याओं एवं उनके निदान पर विस्तृत चर्चा की। एसोसिएशन के सचिव एवं केंद्रीय खाद्य वितरण एवं उपभोक्ता मंत्रालय के पूर्व सचिव हेम पांडे ने यहां आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को सच करने में डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना।

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इस ग्रांड समिट में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए भाजपा नेता उत्तरी पूर्वी दिल्ली से सांसद एवं दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि निश्चित ही कुछ चिटफंड कंपनियों के कारण ईमानदारी से कार्य कर रही डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री से जुड़े व्यवसायियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

मनोज तिवारी ने कहा , " जब से केंद्र में मोदी सरकार बनी है उसके बाद से इस इंडस्ट्री के अच्छे दिन शुरू हो चुके है। वर्ष 2016-2017 में मोदी सरकार इस इंडस्ट्री के लिए पहली बार गाइडलाइंस लेकर आई जिसका इंतज़ार इस इंडस्ट्री के लोगो को विगत 20 वर्षों से था।मनोज तिवारी ने कहा कि इस इंडस्ट्री से रोजगार के अवसर के साथ साथ आत्मनिर्भर भारत,और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिला है।"

मनोज तिवारी ने उपस्थित कंपनियों के मालिकों और अधिकारियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि एसोसिएशन द्वारा उठाई गई बातों को वो केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों व अधिकारियों तक पहुंचाएंगे ताकि उनकी समस्याओं का निदान हो सके।

ग्रांड समिट में एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांग रखते हुए कहा कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को लेकर जल्द से जल्द नियम बनाये जाए। नियम बनने से एक तरफ़ जहां देश की जनता में इस इंडस्ट्री को लेकर भरोसा पैदा होगा, वहीं दूसरी तरफ मनी रोटेशन, चिटफंड करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने में आसानी होगी।

एसोसिएशन के संजीव कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि डायरेक्ट सेलिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के साथ-साथ वोकल फ़ॉर लोकल की अवधारणा को साकार करने में अवश्य ही तेजी आएगी। एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में जहां बाकी सब इंडस्ट्री में डाऊनफाल आया, उस समय में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री ने सबसे ज्यादा ग्रोथ की।

इस अवसर पर एसोसिएशन की तरफ से पर्यावरण की शुद्धता के लिए भी कार्य करने का निर्णय लिया। एसोसिएशन ने कहा कि प्रदूषण की भयावह स्थिति को देखते हुए हर वर्ग को पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन जल्दी ही इस संबंध में भी एक कार्य योजना तैयार कर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम शुरू करेगी।

इस अवसर पर डायरेक्ट सेलिंग कोच सुरेंद्र वत्स,हैप्पी हेल्थ इंडिया के डायरेक्टर पवनदीप अरोड़ा, एडब्ल्यूपीएल के डायरेक्टर संजीव कुमार , दारजुव9 के डायरेक्टर जितेंद्र डागर, शोपनेट के डायरेक्टर अरविंद अत्रि , रोबे (आरओबीई) इंडिया के डायरेक्टर संजीव कुमार ने भी अपनी-अपनी बातें रखते हुए डायरेक्ट सेलिंग के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रोजगार सर्जन करने का विश्वास जताया।

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