Indian Railways: आखिर कितना होता है ट्रेन के इंजन का वजन और पटरियों के बीच क्यों पड़े होते हैं पत्थर? जानें वजह
Indian Railways: रेलवे स्टेशन पर जाना-आना तो सभी का लगा रहता है लेकिन यहां पर बहुत सारे ऐसे तथ्य होते हैं जिनके बारे में कुछ ही लोगों को जानकारी होती है. वहीं आज हम आपको बताएंगे कि ट्रेन के इंजन का कितना वजह होता है जो कि सारे डिब्बों और पैसेंजरों का बोझ उठाती है. साथ ही यह भी जानकारी देंगे कि पटरियों के बीच में पत्थर क्यों डाले जाते हैं, तो चलिए जानते हैं...
दरअसल, एक ट्रेन में अधिकतम 24 डिब्बे लगे होते हैं, जिसका पूरा बोझ ट्रेन में लगे इंजन पर पड़ता है. ट्रेन के इंजन का वजन करीब एक लाख 96 हजार किलो होता है, जो कि इतनी लंबी और भारी ट्रेन का भार उठा लेती है. इसलिए आपने गौर किया होगा कि ट्रेन में सबसे पहले इंजन ही लगा होता है जिसमें केवल ड्राइवर ही बैठता है.
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क्यों बिछे होते हैं पटरियों के बीच पत्थर?
रेल की पटरियों के बीच छोटे-छोटे पत्थर बिछाए जाने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है. ट्रेन की पटरी के नीचे कंक्रीट के बने प्लेट होते हैं जिन्हें स्लीपर कहा जाता है. इन स्लीपर के नीचे पत्थर यानी गिट्टी होती है इसे बलास्ट कहते हैं इसके नीचे अलग अलग तरह की दो लेयर में मिट्टी होती है और इन सबके नीचे नार्मल जमीन होती है.
आप गौर से देखें तो आपको पता लग जाएगा कि ट्रैक साधारण जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर होते हैं. ट्रैक पर बिछाई जाने वाली गिट्टी खास तरह की होती है. अगर इन गिट्टीयों की जगह गोल पत्थरों का इस्तेमाल किया जाए तो वह एक दूसरे से फिसलने लगेंगे और पटरी अपनी जगह से हट जाएगी, यह नुकीले होने के कारण एक दूसरे में मजबूत पकड़ बना लेते हैं.
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