Budget 2023-24: सरकार करने जा रही टैक्स स्लैब में बदलाव, जानें आपको फायदा होगा या नुकसान?

 
Budget 2023-24: सरकार करने जा रही टैक्स स्लैब में बदलाव, जानें आपको फायदा होगा या नुकसान?

Budget 2023-24: टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है। अभी 2.5 लाख रुपये तक की सालाना पर इनकम टैक्स (Income Tax) नहीं लगता है। सरकार इस सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने पर विचार कर रही है। यानी अगर आपकी सालाना इनकम पांच लाख रुपये तक है, तो आपको इनकम टैक्स नहीं देना होगा। आने वाले बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी फुल बजट होगा। साल 2024 में देश में आम चुनाव होने हैं। इसलिए माना जा रहा है कि अपने आखिरी फुल बजट में मोदी सरकार टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती है।

बढ़ाई जा सकती है टैक्स छूट की सीमा (Budget 2023-24)

बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार दो साल पुरानी कर व्यवस्था में पर्सनल टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसे 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि इससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और उनके हाथ में निवेश के लिए ज्यादा पैसा रहेगा। 

WhatsApp Group Join Now

ज़रूर पढ़े : व्यपार और प्यार में कैसा है आपका वास्तु, डेली अपडेट्स !

Budget 2023-24: सरकार करने जा रही टैक्स स्लैब में बदलाव, जानें आपको फायदा होगा या नुकसान?
Image credit:- thevocalnewshindi

दोनों Income Tax व्यवस्थाओं में फर्क

पुरानी कर व्यवस्था में सेक्शन 80 सी और 80 डी का इस्तेमाल करके टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन नई व्यवस्था में इस तरह की कई छूट खत्म कर दी गई है। यही वजह है कि केवल 10 से 12 टैक्सपेयर्स ने ही वैकल्पिक टैक्स व्यवस्था को अपनाया है। इसमें 2.5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं है। 2.5 लाख से पांच लाख रुपये तक पांच फीसदी, पांच से 7.5 लाख रुपये तक 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख रुपये तक 20 फीसदी, 12.5 लाख से 15 लाख रुपये तक 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से अधिक की सालाना इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है।

सैलरी वालों को फायदा नहीं

जानकारों का कहना है कि सैलरी पाने वाले लोगों को नई कर व्यवस्था में फायदा नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसमें उन्हें एचआरए, एलटीए, स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेक्शन 80सी और सेक्शन 80डी के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलेगी। हालांकि नॉन-रेजिडेंट के लिए नई कर व्यवस्था फायदेमंद है। इसकी वजह यह है कि क्योंकि वे ज्यादातर छूट का दावा नहीं करते हैं। नई व्यवस्था में कंप्लायंसेज कम हैं और रिटर्न फाइल करने बेहद आसान है। इसमें भविष्य में जांच के लिए कागजातों को संभालकर रखने को झंझट नहीं है।

यह भी पढ़ें: SCSS- अगर चाहते हैं अपने पैसे को सुरक्षित रखना तो यहां करे निवेश, जानिए क्या है तरीका?

मिस न करें : ज़िन्दगी जीने और स्वस्थ रहने के सटीक उपाय

Don't Miss : यहाँ है क्रिकेट का अड्डा, पाएं खेल सम्बन्धी लेटेस्ट अपडेट

Tags

Share this story