कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था को पहुंचाई चोट, ग्रोथ रेट 10.5% रहने का अनुमान
कोरोना ने भारत समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. कोरोना की दूसरी लहर के चलते देशभर में लॉकडाउन लगने से यहां की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से चोट पहुंची है. अब अर्थव्यवस्था की रिकवरी कोरोना की रफ्तार समाप्त होने के बाद ही हो सकती है. यह बात भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बृहस्पिवार को जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट में कही है. आरबीआई ने इस बार वृद्धि दर के चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 10.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.
वार्षिक रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया है कि महामारी के कारण महंगाई दर भी प्रभावित हो सकती है. क्योंकि बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हुई है. दरअसल, मार्च 2021 से कोरोना की दूसरी लहर के चलते सप्लाई चेन काफी प्रभावित हुई है. जिसका असर महंगाई दर पर देखा जा सकता है.
निजी मांग के मजबूत होने पर होगी रिकवरी
रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी निजी मांग के मजबूत होने पर निर्भर करती है. कोरोना वायरस ने पिछले साल भारत की अर्थव्यवस्था को काफी चोट पहुंचाई थी. वहीं दूसरी लहर की शुरुआत में वैसे ही हालत बनते नजर आ रहे थे, लेकिन आशावाद रवैये के कारण स्थिति पहले से काफी बेहतर है.
आपको बता दें कि वर्ष 2020-21 में इंफ्लेशन दर 2019-20 की तुलना में 140 बेसिस प्वाइंट्स (1.4 फीसदी) ज्यादा होकर 6.2 फीसदी तक पहुंच गई थी. यह गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में बदलाव के हिसाब से सालाना होती है.
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