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Budget 2023-24: Custom Duty को लेकर सरकार का बड़ा ऐलान, जानें कैसे होती है इसकी कैलकुलेशन

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Budget 2023-24: बजट में कस्टम ड्यूटी में काफी बदलाव किए हैं, जिसके बाद कस्टम ड्यूटी काफी चर्चा में है. दरअसल, कस्टम ड्यूटी में होने वाले बदलाव से विदेश से आयात होने वाले सामान की कीमत में भी काफी बदलाव हो जाता है.आज पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री ने कुछ चीजों पर ड्यूटी बढ़ाने तो कुछ पर घटाने का ऐलान किया है.आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कस्टम ड्यूटी क्या होती है और क्यों लगाई जाती है…

इन प्रोडेक्टस की कस्टम ड्यूटी में हुआ बदलाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने भाषण में कहा कि लिथियम-ऑयन बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कस्टम ड्यूटी में छूट दिया जाएगा. इसका सीधा फायदा आम-आदमी को होगा. इसके अलावा टेक्सटाइल को छोड़कर बेसिक कस्टम ड्यूटी दर 21 से घटाकर 13 की जाएगी. वहीं, गोल्ड और सिल्वर की कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई.

क्या होती है Custom Duty?

अगर कस्टम ड्यूटी की बात करें तो यह एक तरह का टैक्स है, जो उन सामानों पर लगता है, जो आयात या निर्यात किए जाते हैं. जब कोई सामान विदेश से भारत में आता है तो उस पर कई तरह के शुल्क वसूले जाते हैं. कस्टम ड्यूटी को देशों द्वारा अपना राजस्व बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

इसकी रेट हर सामान के हिसाब से अलग अलग होती है. ऐसे में इम्पोर्ट ड्यूटी को बेसिक ड्यूटी, अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी, वास्तविक कॉउंटरप्रीवेलिंग ड्यूटी, प्रोटेक्टिव ड्यूटी, एजुकेशन सेस और सुरक्षा शुल्क में बांटा जाता है.

कस्टम ड्यूटी के प्रकार

प्रत्येक देश उन वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी लगाता है जो उस देश में आयात या निर्यात की जाती हैं। सीमा शुल्क को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है-

  • बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD)
  • एडिशनल कस्टम ड्यूटी या स्पेशल CVD
  • प्रोटेक्टिव ड्यूटी
  • काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD)
  • एन्टी डंपिंग ड्यूटी
  • कस्टम ड्यूटी पर एजुकेशन सेस

Custom Duty की गणना कैसे की जाती है?

कस्टम ड्यूटी के मूल्य की गणना यथामूल्य या विशिष्ट आधार पर की जाती है। या हम कह सकते हैं कि कस्टम ड्यूटी का मूल्य माल के मूल्य पर निर्भर करता है। इन सामानों का मूल्य कस्टम ड्यूटी मूल्यांकन (आयातित माल के मूल्य का निर्धारण) नियम, 2007 के अनुसार किया जाता है।

सामान की लागत पर कितना पड़ता है असर?

अगर कोई सामान विदेश से आ रहा है तो कस्टम ड्यूटी लगने के बाग इसकी लागत में काफी इजाफा हो जाता है. बेसिक कस्टम ड्यूटी रेट लगने के साथ ही कई तरह के अन्य चार्ज भी लगाए जाते हैं, जिससे सामान की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इसमें बेसिक कस्टम ड्यूटी के साथ ही एआईडीसी, सेस, सोशल वेलफेयर सरचार्ज, आईजीएसटी जैसे शुल्क लग जाते हैं, इससे विदेश से आए सामान की रेट काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें: Budget 2023-24- गोल्ड और सिल्वर पर बढ़ी कस्टम ड्यूटी, जानें अब आप पर क्या पड़ेगा असर?

Punit Bhardwaj
Punit Bhardwaj
पुनीत भारद्वाज एक उभरते हुए पत्रकार हैं और The Vocal News Hindi में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं। उनकी रुचि बिजनेस,पॉलिटिक्स और खेल जैसे विषयों में हैं और इन विषयों पर वह काफी समय से लिखते आ रहे हैं। उन्होंने अपनी जर्नलिज्म की पढ़ाई AAFT से की है।
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