श्रम शक्ति भवन के सामने  ईपीएस 95 पेंशनरों ने किया मूक धरना प्रदर्शन

 
श्रम शक्ति भवन के सामने  ईपीएस 95 पेंशनरों ने किया मूक धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली,  न्यूनतम 7500/- रुपये मासिक पेंशन एवं महंगाई भत्ता, मेडीकल सुविधा, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार बिना किसी भेदभाव के  उच्च पेंशन का लाभ व नॉन EPS सेवा निवृत कर्मचारियों को स्कीम के दायरे में लाकर  5000/- रुपये प्रति माह पेंशन आदि मांगों को लेकर आज दिल्ली में श्रमशक्ति भवन के सामने EPS 95 पेंशनर्स ने मौन रहकर  धरना प्रदर्शन किया राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC)  के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशो राऊत के मार्गदर्शन में यह आन्दोलन संपन्न हुआ.

ईपीएस 95 पेंशनरों ने  सरकार को नोटिस दिया था की

यदि 27 तारीख को  CBT मीटिंग में  पेंशनरों का मुद्दा हल नही होता है तो पेंशनभोगी श्रम शक्ति भवन के सामने धरना देंगे,  CBT की मीटिंग में EPS 95 पेंशनर्स के हित में कोई निर्णय नहीं हुआ इसलिए EPS पेंशनर्स ने किया श्रम शक्ति भवन के सामने सैकड़ों की संख्या में सहभागी होकर  धरना प्रदर्शन किया l

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धरने के दौरान वहां पुलिस पहुंची , पुलिस उन्हे उठाने लगे ईपीएस 95 पेंशनरों ने उठने से मना कर दिया तब पुलिस ने अध्यक्ष कमांडर राऊत और वीरेंद्र सिंह राजावत को सैकड़ों पेंशनरों के साथ गिरफ्तार कर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले गए वहा पे उनपे कार्यवाही की  फिर उन्हे जंतर मंतर पर छोड़ा गया ।

ईपीएस 95 संघर्ष समिति ने एलान किया है 2अप्रैल से देश के सभी सांसदों के घरों के सामने श्रंखला अनशन कर हर रोज धरना देंगे और जब तक हमारी मांगे पूरी नही होती तब तक ये श्रंखला अनशन जारी रहेगा ।

NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर राऊत ने कहा " ये विधित सरोविधित है की पिछले 7 सालों से EPFO ke विरुद्ध ईपीएस 95 पेंशनर 7 साल से लड़ रहे हैं, इन पेंशनर का आंदोलन तहसील स्तर से लेकर दिल्ली तक कई बार हुआ , दिल्ली के जंतर मंतर और रामलीला ग्राउंड पर ये पेंशनभोगी कई बार बड़े स्तर पर आंदोलन किए उसके बावजूद सरकार ने इनकी एक न सुनी , माननीय प्रधानमन्त्री जी से विशेष निवेदन  के बाद दो बार माननीय प्रधान मंत्री और कई बार श्रम मंत्री ने वादे किए मांगें नहीं मानी जाने के कारण पेंशनधारियों में काफी रोष है व इसीलिए आज वृद्ध पेंशनर्स को सड़कों पर उतरना पड़ा.

ज्ञातव्य हो कि देश में औद्योगिक/सार्वजनिक/सहकारिता/निजी क्षेत्र के 70 लाख ईपीएस 95 पेंशन जिन्होंने 186 उद्योगों में काम किया।उन्होंने अपनी जवानी के 30/35 साल अपना खून पसीना बहाया और देश को समृद्ध बनाने के लिए दिन-रात काम किया, आज उन्हें  औसत पेंशन 1171 रुपये मिलती है. इसलिए ईपीएस पेंशनभोगी दयनीय और मरणासन्न जीवन जी रहे हैं।  कई पेंशनभोगी सम्मानजनक पेंशन और चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण मर रहे हैं।  इसलिए देश भले ही आज तरक्की कर रहा है, लेकिन यह महसूस किया जा रहा है कि ईपीएस पेंशनभोगियों की हालत खराब हो रही है।  सरकार के पास उन लोगों के लिए विभिन्न पेंशन योजनाएँ हैं जिन्होंने पेंशन फंड में योगदान नहीं किया है, लेकिन उन लोगों के लिए अल्प पेंशन है जिन्होंने पूरी सेवा के दौरान हर महीने योगदान दिया है.यह सौतेला व्यवहार क्यों?

इसलिए विगत 7 वर्षों से लगातार तमाम आंदोलन किए गए, .NAC इस संस्था का मुख्यालय बुलढाणा में है।  इस स्थान पर पिछले 1557 दिनों से श्रंखला अनशन चल रहा है।  गर्मी, हवा और बारिश की परवाह किए बिना बुजुर्ग पेंशनभोगी भूख हड़ताल पर हैं। 

माननीय महोदय पेंशनर्स की भावनाओ को व इस विषय की गम्भीरता को समझते हुए  संसद के सत्र में पेंशनर्स की मांगों को मंजूर कर उन्हे न्याय प्रदान करें जिससे यह वृद्ध पेंशनर्स अपना बचा हुआ जीवन सम्मान के साथ जी सकें.

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