FD Fraud: कहीं आपके साथ तो नहीं हो रही फिक्स डिपॉजिट लेने के बाद धोखाधड़ी? जानें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
FD Fraud: जब भी बैंक में पैसा इनवेस्ट किया जाता है तो कई सावधानियों के बारे में हमें बताया जाता है। कुछ चीजें हमें पता होती हैं तो कई चीजें हमें पता नहीं होती हैं। मगर फिक्स्ड डिपॉडिट फ्रॉड (FD Fraud) के मामले अक्सर सुनने को मिल जाते हैं। मगर हमें पता होना चाहिए कि बैंकिंग फ्रॉड कैसे होते हैं? ऑनलाइन तरीके से जितने भी फ्रॉड होते हैं उसकी जांच साइबर ब्रांच करती है।
FD Fraud से कैसे बचें?
साइबर अपराधी हर दिन फ्रॉड करने के नए-नए तरीके ढूंढते रहते हैं। लोगों की निजी जानकारी कैसे चुकानी है या उनसे पैसे कैसे हथियाने हैं ये काम साइबर अपराधी ढूंढते हैं। अब वे पैसे के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रॉड (FD Fraud) करने लगे हैं। कहीं से FD कराने वाले ग्राहकों का मोबाइल नंबर हासिल करते हैं और एफडी की डिटेल्स पा लेते हैं।
अकाउंट से संबंधित जानकारियां लेकर वे फ्रॉड करते हैं। एक बार जब उनके बैंक अकाउंट की डिटेल्स मिल जाती हैं तो खाते से पैसा निकालना आसान हो जाता है। सभी बैंक और गैर-वित्तिय कंपनियों की वेबसाइट से एफडी ली जाती है, अपराधी जानकारी वहीं से निकालते हैं।
- एफडी फॉड से बचने के लिए बैंक से संबंधित लॉग इन डिटेल्स किसी से शेयर ना करें।
- इसके साथ ही सम समय पर आपके खाते से होने वाले ट्रांजेक्शन को भी चेक करते रहें।
- हमेशा बैंक या एफडी कंपनी से जुड़े मैसेज, मेल या फोन को परखें कि सही जगह से कनेक्शन है या नहीं।
- अनजान व्यक्ति से कभी अपनी बैंक डिटेल्स शेयर ना करें।
- बैंक का प्रतिनिधि बनकर कोई फोन करता है तो पहले पूरी तरह जांच लें कि वो कौन है।
- बैंक प्रतिनिधि कभी आपके अकाउंट से संबंधित जानकारी नहीं पूछता है।
- बैंक के पोर्टल से ही एफडी को बुक करें। किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने से हमेशा बचें।
इसे भी पढ़ें: Post Office Scheme: इस स्कीम में लगाए पैसा और पाएं सालाना 1 लाख रुपये से भी ज्यादा की रकम