देश में कुछ महीनों के भीतर पेट्रोलियम के दामों में एक रिकॉर्ड उछाल देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में पेट्रोल का दाम 100 का आंकड़ा पार कर चुका है। जिस वजह से अन्य सामान में भी मंहगाई देखने को देखने को मिल रहा है।
आज हम आपको बताएंगे कि देश में पेट्रोल और डीजल इतने महंगे क्यों बिक रहे हैं? एक राज्य की अपेक्षा दूसरे राज्यों के पेट्रोल और डीजल के दाम में क्यों फर्क नजर आता है। भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों को किस प्रकार से निश्चित किया जाता है।
ग्लोबल ऑयल मार्केट से लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल के मूल्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ग्लोबल ऑयल मार्केट भारत में 80% पेट्रोल और डीजल का डिमांड पूरा करता है। इसलिए पेट्रोलियम का दाम ग्लोबल मार्केट पर निर्भर करता है।
इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारें कई तरह के टैक्स ऑयल के ऊपर चार्ज करती हैं। जिसमें एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार द्वारा लगाया गया वैट भी शामिल होता है। प्रत्येक राज्य अलग-अलग वैट लगाती है। इसलिए प्रत्येक राज्य में पेट्रोल डीजल का दाम अलग अलग होता हैं। इस सब के अलावा डीलर कमीशन को भी जोड़ा जाता है।