ID Card: मृत्यु के बाद हो सकता है पहचान पत्रों का दुरूपयोग,मुसीबत से बचने के लिए जानें ये नियम

 

ID Card: आपकी पहचान आधार कार्ड ,वोटर कार्ड,पासपोर्ट और पैन कार्ड से आज के समय में होती है. जिसकी बदौलत आपको पहचाना जाता है. जिंदगी के हर एक क्रियाकलाप में इनका उपयोग किया जाता है. हर एक प्रक्रिया में, चाहे वो बैंक में खाता खुलवाने से लेकर हो या किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने तक आधार कार्ड का उपयोग किया जाता है।लेकिन किसी व्‍यक्ति की मृत्‍यु होने के बाद इन डॉक्‍यूमेंट्स का क्‍या करना चाहिए, कभी सोचा है आपने इस बारे में ? आइए आपको बताते हैं...

मृत्यु के बाद ID Card का दुरूपयोग होने से बचाने के लिए करें ये काम

आधार कार्ड: आधार कार्ड को यूनिवर्सल आईडी माना जाता है. किसी की मृत्‍यु के बाद आधार कार्ड को रद्द कराने जैसी कोई व्‍यवस्‍था नहीं है. ऐसे में मृतक के आधार के दुरुपयोग को रोकने के लिए इसे UIDAI वेबसाइट के माध्यम से लॉक कराया जा सकता है. साथ ही अगर व्यक्ति अपनी मृत्यु से पहले आधार के जरिए किसी योजना या सब्सिडी का लाभ ले रहा है तो संबंधित विभाग को व्यक्ति की मौत की जानकारी देनी चाहिए. ताकि उसका नाम योजना से हटा दिया जाए.

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पैन कार्ड: मृतक व्यक्ति का पैन कार्ड को सरेंडर किया जा सकता है. इसके लिए मृतक के परिवार के सदस्य को इनकम टैक्स विभाग में संपर्क करना होगा. सरेंडर करने से पहले मृतक के सभी खाते किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर करा देना चाहिए या बंद कर देना चाहिए.

वोटर आईडी कार्ड: किसी की मृत्‍यु हो जाने के बाद उसके वोटर आईडी कार्ड को आप रद्द करवा सकते हैं. इसके लिए आपको चुनाव कार्यालय में जाकर फॉर्म-7 भरना होगा, जिसके बाद ये कार्ड रद्द हो जाएगा. वोटर आईडी को रद्द करवाने के लिए मृतक के डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है.

पासपोर्ट: आधार कार्ड की तरह ही पासपोर्ट को भी रद्द करवाने की कोई व्‍यवस्‍था नहीं होती है. इसकी समय सीमा समाप्‍त होने के बाद ये खुद ही अमान्‍य हो जाता है. ऐसे में इसकी समय सीमा समाप्‍त होने तक आप पासपोर्ट को संभालकर रखें, ताकि ये किसी गलत हाथों में न पड़े. 

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