अगर आपके भी तीन चार बैंक में हैं अकाउंट, तो हो जाइए सावधान, बिगड़ सकता है आपका credit score
आप में से कई लोग ऐसे होंगे जो अपने पास एक से अधिक बैंक एकांउटस रखते होंगे. लेकिन क्या आप अपने उन सभी बैंक अकाउंट का इस्तेमाल नियमित तौर पर कर पाते हैं. आमतौर पर यह होता है कि एक या दो बैंक एकाउंट्स से ही अधिकतर लेन देन किए जाते हैं. ऐसे में अन्य बैंक एकांउटस का प्रयोग नहीं किया जाता है. इस प्रकार एक या दो से ज्यादा बैंक एकांउटस रखने पर आपको किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा लेकिन इससे आपको भारी नुक़सान अवश्य हो सकता है.
अधिक बैंक अकाउंट रखने के नुक़सान
• आप यह बात जानते ही होंगे कि बैंक आपके बैंक अकाउंट को मेंटेन (Maintain) रखने के लिए कई तरह के चार्जेज लगाता है, जैसे - सर्विस चार्जेज, एसएमएस चार्ज, एटीएम चार्जेज आदि. ऐसे में यदि आपके जितने अधिक बैंक अकाउंट होंगे आपको उतना ही अधिक चार्जेज का भुगतान करना पड़ेगा. अब आपको विचार करना है कि, बिना बैंक अकाउंट के प्रयोग के क्या आपको बैंक चार्जेज का आर्थिक बोझ उठाना उचित लगता है?
• इसके अतिरिक्त अधिक बैंक अकाउंट होने पर जब आप उन अकाउंट का प्रयोग नहीं कर पाते हैं तो आपका बैंक अकाउंट निष्क्रिय खाता हो जाता है. जिससे आपके क्रेडिट स्कोर (Credit score) पर भी प्रभाव पड़ता है. न्यूनतम बैलेंस ना होने पर भी बैंक पेनेल्टी चार्जेस लगाता है, जिसे आपका क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है.
• कई सारे बैंक अकाउंट होने से आयकर रिटर्न भी परेशानी उठानी पड़ती है. आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने में आपको सभी बैंक अकाउंट की डिटेल लिखनी होती है, ऐसे में यदि आपके पास एक बैंक अकाउंट होगा तो आयकर रिटर्न भरने में सुविधा रहेगी.
• यदि आपने 1-2 से अधिक बैंक अकाउंट खुलवा रखे हैं, तो साल भर तक कोई लेन देन ना करने पर यह बैंक अकाउंट निष्क्रिय हो जाते हैं. वही 2 साल तक लेनदेन ना करने पर यह अकाउंट डॉरमेंट अकाउंट में परिवर्तित हो जाते हैं. इस प्रकार के बैंक अकाउंट में धोखाधड़ी की संभावना अधिक रहती है. आपको पता लगे बिना आपका बैंक अकाउंट को चालू करके कोई भी ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. इसके बाद जो भी परिणाम होगा, वो आपको उठाना पड़ सकता है.
इस प्रकार यदि आप भी धोखाधड़ी और आयकर रिटर्न जैसी समस्याओं से बचकर रहना चाहते हैं, तो एक से अधिक बैंक अकाउंट रखने की बेवकूफी बिल्कुल ना करें.