आयकर विभाग (Income Tax) ने 1600 करोड़ से अधिक के मनी लांड्रिंग मामले में गेटेक्स ऑस्ट्रेलिया को नोटिस जारी किया है. गेटैक्स ऑस्ट्रेलिया कंपनी भारत में एग्रीफिल्ड के नाम से काम कर रही है जबकि इस पर महाद्वीपों में रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं. वहीं इस मामले की जांच की जा रही है और दो कंपनियों के प्रमोटर अमित गुप्ता भी शक के घेरे में हैं.
दरअसल, शेल कंपनियों की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग रिश्वतखोरी और आपराधिक आर्थिक हेरफेर का इस्तेमाल महाद्वीपों के बीच बड़ी मात्रा हवाला में किया गया था. ऑस्ट्रेलियाई सरकार और पुलिस पिछले 2 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून के इन उल्लंघनों की जांच कर रही है. गोविंद सहाय गुप्ता के कानूनी उत्तराधिकारियों ने अभी तक आयकर विभाग को आवश्यक दस्तावेज और साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए हैं.
दिवंगत गोविंद सहाय गुप्ता और उनके बेटे अमित गुप्ता ऑस्ट्रेलियाई कंपनी गेटैक्स ऑस्ट्रेलिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर हैं. अमित गुप्ता दुबई स्थित कंपनी एग्रीफील्ड डीएमसीसी के प्रमोटर भी हैं जो भारतीय उर्वरक सार्वजनिक उपक्रमों का पसंदीदा आपूर्तिकर्ता है.
गोविंद सहाय गुप्ता और सुशीला गुप्ता के एचडीएफसी बैंक खाते में लगभग 900 करोड़ रुपये, अमित गुप्ता के बैंक खातों में 35 करोड़ रुपये और विनीता गुप्ता, सुशीला गुप्ता के एचडीएफसी बैंक खाते में 500 करोड़ रुपये और गोविंद सहाय गुप्ता के कई खातों में 230 करोड़ रुपये हैं.
आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल न करने का मांगा विवरण
विभाग ने 2011-12 से 2020-21 तक जमा की गई राशि और सुशीला गुप्ता और अमित गुप्ता के मार्च 2022 में आयकर रिटर्न दाखिल न करने का विवरण भी मांगा है. यह नोटिस अब सीधे अमित गुप्ता और गेटैक्स ऑस्ट्रेलिया के अनियमित मामले में ऑस्ट्रेलिया में चल रही जांच से जुड़े हैं, जो अब दुबई में ऑफशोरिंग कर रहे हैं.
गेटेक्स के निदेशक अमित गुप्ता की पहचान अमेरिकी फाइलिंग में “एक आपराधिक जांच” के विषय के रूप में की गई है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि उसने विदेशी सार्वजनिक अधिकारियों को रिश्वत देने और मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अपराधों में लिप्त होने का दावा किया है.
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