Income tax Exemption: अब नहीं मिलेगी होम लोन, एफडी और इश्योरेंस प्लान पर कोई छूट? जानें वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?

 
Income tax Exemption: अब नहीं मिलेगी होम लोन, एफडी और इश्योरेंस प्लान पर कोई छूट? जानें वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?

Income tax Exemption: इनकम टैक्स की तरफ से अभी तक किन्ही चीजों में अच्छी छूट मिल जाती है थी। मगर वित्त मंत्रालय ने कुछ चीजों पर छूट को खत्म कर किया है और ये जानकारी मंत्रालय की तरफ से जारी की गई है। अगर कोई 5 साल की एफडी कराता था तो आयकर विभाग की तरफ से कुछ छूट मिलती थी। मगर आयकर की धारा 80C के अंतर्गत इंश्योरेंस प्रीमियम सहित कई तरह के इनकम टैक्स छूट (Income tax Exemption) पाने के रास्ते बंद किए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय छूट या लोगों को दी जाने वाली रियायतों से मुक्त करने की योजना रही है। खबरों के मुताबिक, सरकार ऐसी प्रणाली स्थापित करना चाहती है जिसमें किसी तरह की रिययतें ना हों। जिसके साथ सरकार छूट और कटौतियों वाली पुरानी व्यवस्था को समाप्त किया जा सके।

नई व्यवस्था में कोई भी छूट नहीं

आम बजट 2020-21 में जो नई कर व्यवस्था को पेश किया गया था। उसमें करदाताओं को अलग-अलग तरह की कटौतियों में पुराने सिस्टम की निचली दरों की नई व्यवस्था को चयन करने का ऑप्शन दिया गया था। इन सभी चीजों के पीछे सरकरा का उद्देश्य व्यक्तिगत आयकरदाताओं को राहत देना है। नई कर व्यवस्था के एक्सपीरिएंस के मुताबिक,जिन लोगों ने होम या एजुकेशन लोन चुका दिया है तो वे नई व्यवस्था अपना सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके सिवा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। खबरों के मुताबिक, नई व्यवस्था में करों को कम करने के बाद वो काफी आकर्षक बन सकता है। इसी तर्ज पर कर व्यवस्था कॉरपोरेट करदाताओं के लिए भी सितंबर, 2019 में एक नया सिस्टम बनाया गया था। इसमें कर दरों को घटाया गया था इसलिए उन छूट या रियायतों को भी खत्म किया गया था।

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ढाई लाख तक का इनकम टैक्स मुक्त

व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए 1 फरवरी, 2020 को पेश की गई नई कर व्यवस्था में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को कोई कर नहीं देना होता था। ढाई से पांच लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसतदी का कर लगता है। वैसे ही 5 लाख से 7.5 लाख रुपये की इनकम पर 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख आय पर 15 फीसदी, 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख रुपये की इनकम पर 25 फीसदी और 15 लाख से अधिक वाली आय पर 30 फीसदी तक टैक्स लगता है।

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