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Indian Railway Rules: अगर छूट गया है ट्रेन में आपका सामान तो ऐसे पाएं वापस, जानें पूरी प्रक्रिया

 

Indian Railway Rules: अक्सर कई बार जल्दबाजी में ट्रेन से उतरते वक्त हम अपना सामान ट्रेन में ही भूल आते हैं. उसके बाद रेलवे आपकी चीजों का क्या करता है. और अगर आप अपनी चीज वापस चाहते हैं तो इसके लिए क्या नियम है. ज्यादातर लोगों को नही पता होगा. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि भविष्य में आपका सामान खोता है तो इसके लिए आपको क्या करना होगा.

कहां जमा होता है सामान? (Indian Railway Rules)

कोई सामान जब मिलता है तो उसे संबंध‍ित स्टेशन मास्टर (Station Master) के पास जमा कर दिया जाता है. ऐसा करने से पहले गाड़ी में या स्टेशन पर म‍िली क‍िसी लावारिस या फिर बिना बुक की गई वस्तु की एक रसीद बनाई जाती है. फिर इसे स्टेशन मास्टर के पास जमा करा दिया जाता है.

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दर्ज होती है सामान की डिटेल

आरपीएफ को जो भी सामान मिलता है उस सामान को स्टेशन मास्टर के पास जमा करके उसके खाने की रसीद संपत्ति के रजिस्टर में दर्ज कर दी जाती है.
जिसकी उसकी आधार भूत जानकारियां जैसे यहां उस सामान की ड‍िटेल, वस्‍तु का नाम, वजन, अनुमानित कीमत आदि का रिकॉर्ड रखा जाता है.

अगर कोई सूटकेस, बक्सा या संदूक म‍िलता है तो उस कंडीशन में रेलवे सुरक्षा बल या रेलवे पुलिस की उपस्थिति में उस सामान की लिस्ट बना कर उसकी तीन कॉपी तैयार की जाती है. जिसमें से पहली कॉपी गुम हुए सामानों के रजिस्टर में, दूसरी संदूक में और तीसरी रेलवे सुरक्षा बल के पास रहती है. इन सब फॉर्मेटीज पूरी होने के बाद संदूक को सीलबंद कर दिया जाता है.

गुम हुई चीजें लौटाने की प्रक्रिया -

अगर जिस व्यक्ति की चीजें खोती हैं. और वो स्टेशन मास्टर से संपर्क करता है तो इस कंडीशन में स्टेशन मास्टर से संतुष्ट होने पर सामान उस व्यक्ति को वापस कर दिया जाता है. साथ ही उस दावेदार के हस्ताक्षर भी रजिस्टर पर लिए जाते हैं.

Image Credits: Pixahive

मना कर सकता है स्टेशन मास्‍टर (Indian Railway Rules)

यदि स्टेशन मास्‍टर को ऐसा लगता है कि सामान की दावेदारी करने वाला व्यक्ति संदिग्ध है या उसका सामान नहीं है तो इस कंडीशन में सामान देने से मना कर सकता है. ये अधिकार उसके पास होता है. इस स्थिति के बाद मामला डिवीजनल कमर्शियल सुपरिटेंडेंट के पास जाता है. जहां पूरी छानबीन होने के बाद ही सामान को लौटाया जाता है.

समान के माल‍िक तक पहुंचाने का न‍ियम

दूसरा न‍ियम यह है क‍ि स्टेशन मास्टर को खोई हुई संपत्ति को उसके असली मालिक तक पहुंचाने के लिए प्रयास करना चाह‍िए. क‍िसी सामान पर नाम या पहचान की जानकारी आद‍ि म‍िलने पर इसे उसके माल‍िक तक पहुंचाना आसान हो जाता है.

इस स्थिति में मालिक को देना होता है शुल्क

आपको बता दें सामान खोने के बाद इसे लॉस्ट प्रॉपर्टी आफिस lost property office in railway में भेजा जाता है.
लेकिन अगर यहां भेजने के पहले ही सामान का मालिक उसे ले लेता है तो इस कंडीशन में मालिक को सामान सौंप दिया जाता है और उससे कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता.
सामान छूटने या खोने पर स्टेशन मासटर इसे 7 दिन तक अपने पास रखता है. यदि कोई लेने नहीं आता है तो उसे लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस में भेज दिया जाता है.

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