Indian Railways: भारतीय रेल मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए लाइफ लाइन है. जिसमें रोज़ करोड़ों लोग सफर करते है. ऐसे में अभी भी रेलवे स्टेशन पर काफी भीड़ रहती है, टिकट को लेकर रेलवे के टिकट काउंटर पर भी काफी भीड़ रहती है. डिजिटल युग में भी बहुत से लोग टिकट बुकिंग नही करवा पाते जिसकी वजह से उनको लंबी-लंबी क़तारों में खड़े रहना पड़ता है.
डेस्टिनेशन एड्रेस (Destination Address) डालने की वजह से टिकट बुकिंग में अधिक समय लग जाता था. कई बार सीमित सीट के लिए बुकिंग में देरी की वजह से वेटिंग टिकट (Waiting Ticket) मिलता था. आपको बता दें कि कोविड-19 में रेलवे ने बुकिंग के लिए डेस्टिनेशन एड्रेस देना अनिवार्य कर दिया था. जिससे यात्रियों की जानकारी मौजूद रहें.

इसका मकसद था कि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है उसके डेस्टिनेशन एड्रेस की जानकारी ली जा सके. कोविड टीम उसको कैच कर सके और जिससे संक्रमण को रोका जा सकें. इसके जरिए रेलवे को ट्रैकिंग में काफी आसानी होती थी.अब जब देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तब रेलवे ने इस फैसले को वापस ले लिया है.
बीते कुछ महीने में रेलवे ने लगातार उन पाबंदियों को कम कर किया है जो कोरोना के दौरान लगाए गए थे. आईआरसीटीसी (IRCTC) ने हाल ही में खाने-पीने की सुविधा को फिर से शुरू करने का आदेश दिया था. कोविड के दौरान यह सुविधा बंद थी. कोरोना की वजह से करीब 2 साल तक रेलवे की ओर से बेडरोल, कंबल आदि के इंतजाम पर रोक लगा दी गई थी.
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