Indian Railways: पटरियों के बीच जगह छोड़ने के पीछे है वैज्ञानिक कारण, जानें क्या कहता है साइंस

 
Indian Railways: पटरियों के बीच जगह छोड़ने के पीछे है वैज्ञानिक कारण, जानें क्या कहता है साइंस

Indian Railways: भारतीय रेलवे से प्रितिदिन लाखों यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते है. कम किराया होने की वजह से लोग जाता तर रेलवे का ही उपयोग करते हैं. अपना प्राइवेट कार होने के बाद भी लोग ट्रेन से सफ़र करना पसंद करते हैं. बता दें कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है.

जब कभी आप रेलवे का पटरियों को देखे होंगें, तो आपको पता होगा कि दो पटरियों के बीच थोड़ा सा खाली स्थान छोड़ा है. यह देखकर आपको लगता होगा की कहीं हादसा न हो जाए. लेकिन ऐसा सोचना आपका गलत है. इस स्पेस की वजह से कई बड़े हादसा टल जाता हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

WhatsApp Group Join Now

Indian Railways:

Indian Railways: पटरियों के बीच जगह छोड़ने के पीछे है वैज्ञानिक कारण, जानें क्या कहता है साइंस
wikipedia

साइंस क्या कहता हैं?

ट्रेन की पटरियों के बीच में खाली जगह छोड़ने के पीछे वैज्ञानिक कारण है. जो साइंस पढ़े है, उनको पता होगा कि धातु गर्म होने पर फैलती हैं. जब ट्रेन पटरियों पर चलती है तब गर्मी की वजह से पटरी फैलने लगती हैं. जिससे हादसा होने का चांस बढ़ जाता हैं. यह ज्यादातर गर्मी के मौसम में देखने को मिलता है. ठंड में तो सिकुड़ा रहता है. इसलिए दो पटरियों के बीच थोड़ा स्पेस छोड़ दिया जाता है.

Indian Railways इसलिए करता है ऐसा

अगर दो पटरियों के बीच जगह न छोड़ा जाए तो दवाब में आकर टूट भी सकता हैं. ऐसे में बहुत बड़ा हादसा हो सकता हैं. आपको लगता होगा कि इस गैप से हादसा हो जाएगा तो ये  सरासर गलत है. ये हादसा को रोकने के लिए छोड़ा जाता हैं.इसे पूरी तरह भरा नहीं जा सकता. सिर्फ इस गैप को कम किया जा सकता हैं.

यह भी पढ़ें: रेलवे स्टेशन बोर्ड पर क्यों लिखा होता है ‘समुद्र तल की ऊंचाई’? जानें महत्वपूर्ण जानकारी

Tags

Share this story