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Innovative Startup: दक्षिण अफ्रीका से मंगवाया ये फूल, बनाया एनर्जी ड्रिंक और 6 महीने में कमाए 7 लाख रुपए

 

Startup: अगर आपको सफलता हासिल करना हो तो कोई भी चुनौतियां आपको रोक नहीं सकती है। आज हम आपको बताएंगे बिजनेस में कैसे सफलता की सीढ़ी चढ़ने वाली अर्चना नागर की कहानी। कॉमर्स से ग्रेजुएशन और राजनीति में मास्टर्स किया। पिता को लगा कि बेटी अच्छी कंपनी में जॉब करेगी, लेकिन बिटिया को तो कुछ अलग ही करना था। वो अपनी जड़ों से जुड़कर थोड़ा हटके करना चाहती थी। उसने अपने पिता की तरह खेती करने की ठानी, लेकिन पारंपरिक नहीं आधुनिक खेती। बिटिया ने रोजले के फूलों से जूस बनाया, जो भारत का ऐसा पहला एनर्जी ड्रिंक था, जिसमें फूलों का इस्तेमाल हुआ।

फूल से बना एनर्जी का ड्रिंक

फूलों से निर्मित भारत का पहला एनर्जी ड्रिंक बना मध्यप्रदेश को वैश्विक पहचान दिलाने वाली मध्यप्रदेश के हरदा जिले की युवा उद्यमी श्रीमती अर्चना नागर अपनी सफलता का श्रेय पीएम मोदी और एमपी सरकार को दिया है कि उन्होंने उनके स्टार्टअप के लिए एक अच्छा वातावरण दिया और मदद की। विदेशी फूलों की खेती कर एनर्जी ड्रिंक तैयार कर रही हैं। अर्चना स्नातक करने के बाद पारंपरिक खेती छोड़कर कुछ नया करना चाहती थीं. उनके पिता मधु धाकड़ जिले ही नहीं प्रदेश के उन्नतशील किसान के रूप में जाने जाते हैं। इसके चलते साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया से फॉर्मर कंपनी के लोग भारत आए थे. उन्होंने हैबिक्स सबदेरिफा फूल के बारे में जानकारी दी और खेती करने को कहा अर्चना के लिए विदेशी फूल को देश के माहौल में उगाना बड़ा चैलेंज था। 2 साल असफल होने के बाद अर्चना और उनकी मां का प्रयोग सफल हो गया।

कई महिलाओं को दे रही है रोजगार


अर्चना बताती हैं कि इस ड्रिंक को तैयार करने में जो भी मटेरियल है वह खुद अपने खेतों में उगाती हैं. यह पहला ऐसा एनर्जी ड्रिंक के जिसमें बाहर से किसी भी चीज का प्रयोग नहीं किया गया है. अर्चना देश के पीएम नरेंद्र मोदी की बातों से प्रभावित हैं. पीएम लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके चलते अर्चना ने खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए ड्रिंक तैयार किया है. अर्चना का दावा है कि एनर्जी ड्रिंक इम्यूनिटी बूस्टर है इसे पीने के बाद कई रोगों में फायदा मिलता है

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