Kisan Vikash Patra: ये स्कीम करती है किसानों का पैसा साल में डबल, जानें कब और कैसे करे निवेश?

 
Kisan Vikash Patra: ये स्कीम करती है किसानों का पैसा साल में डबल, जानें कब और कैसे करे निवेश?

Kisan Vikash Patra: यदि आप भी ऐसी ही किसी सुरक्षित निवेश की जगह तलाश रहे हैं तो आप पोस्ट ऑफिस की स्कीम किसान विकास पत्र (KVP) को आजमा सकते हैं. KVP इंडियन पोस्ट ऑफिस की एक खास स्कीम है. लोग भरोसा करके इस स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें कोई जोखिम नहीं है. स्माल सेविंग स्कीम के तहत किसान विकास पत्र स्कीम लोगों के बीच लोकप्रिय होते जा रही है. कोई भी वयस्क नागरिक अपना अकाउंट खुलवा सकता है. आप चाहें तो 3 लोगों के नाम पर जॉइंट अकाउंट भी खुलवा सकते हैं.

कितनी है Kisan Vikash Patra में ब्याज दर?

स्माल सेविंग्स स्कीम में हर तीन महीने यानी तिमाही आधार पर ब्याज दरें तय की की जाती हैं. 1 अप्रेल 2023 को सरकार ने किसान विकास पत्र में मिलने वाली ब्याज दरों में 30 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. मौजूदा समय में इसमें सालाना आधार पर 7.5 फीसदी के दर से ब्याज मिलती है.

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आप इस स्कीम में 1,000 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसमें अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है.किसान विकास पत्र में आपकी निवेश राशि वर्तमान ब्याज दर के हिसाब से 115 महीने में डबल हो जाती है.

टैक्स छूट मिलेगी क्या?

बैंक बाजार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, किसान विकास पत्र (KVP) SCHEME इन्कम टैक्स एक्ट 1961 के तहत आती है. लिहाजा इसमें 80सी के तहत टैक्स में छूट प्राप्त की जा सकती है. अगर आप इस स्कीम में 50,000 रुपये से अधिक का निवेश करते हैं, तो आपको अपने पैन कार्ड की डिटेल्स शेयर करनी होगी. किसान विकास पत्र स्कीम को गांरटी के तौर पर इस्तेमाल कर आप लोन भी ले सकते हैं.

क्या है Kisan Vikash Patra का इतिहास?

इंडियन पोस्ट आफिस ने इस स्कीम को 1988 में लॉन्च किया था.भारत सरकार द्वारा देश में छोटी सेविंग्स को बढ़ावा देने और निवेशकों के सुरक्षित भविष्य के मद्देनजर इस स्कीम को लाया गया था. हालांकि लॉन्च होने के बाद से ही ये स्कीम काफी पॉपुलर रही है, लेकिन 2011 में सरकार ने महसूस किया कि इस स्कीम का मनी लॉन्ड्रिंग के लिए गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.2014 में इस SCHEME को एक बार फिर कई बदलावों के साथ लॉन्च किया गया. इन बदलावों में एक बार में 50 हजार से ज्यादा के निवेश के लिए पैन कार्ड जरूरी किया गया और 10 लाख से ज्यादा के निवेश पर आय के स्रोतों का प्रूफ देने अनिवार्य कर दिया गया.

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