Moti Farming: इस चीज की है काफी डिमांड, खेती शुरू करने पर मिलेगी सरकारी सब्सिडी के साथ ट्रेनिंग भी मुफ्त
Business Idea: भारत में मोतियों को काफी पसंद किया जाता है और पसंद भी क्यों ना किया जाए क्योंकि एक तो वो सुंदर होता है दूसरा उसको आभूषणों में लगाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार भी Pearl को पहनना शुभ होता है। इसलिए भारतीय लोगों के बीच मोती की डिमांड सबसे ज्यादा होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि मोतियों का व्यापार(Moti Farming) आप भी शुरू कर सकते हैं वो भी बहुत कम लागत में।आइए जानते हैं इस बिजनेस के बारे में-
Moti Farming
मोती की खेती (Pearl Farming) में सीप का पालन किया जाता है. इसकी खेती के लिए आपको एक तालाब की जरूरत होगी. बता दें कि मोती की खेती के सरकार ट्रेनिंग भी मुहैया करवाती है और सब्सिडी भी देती है।
ज़रूर पढ़े : व्यपार और प्यार में कैसा है आपका वास्तु, डेली अपडेट्स !
कैसे शुरू करें Moti Farming
खेती शुरू करने के लिए कुशल वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लेना होता है। कई संस्थानों में सरकार खुद फ्री में ट्रेनिंग करावाती है. सरकारी संस्थान या फिर मछुआरों से सीप खरीदकर खेती का काम शुरू करें। सीप को तालाब के पानी में दो दिन के लिए रखते हैं. धूप और हवा लगने के बाद सीप का कवच और मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं।
मांसपेशियां ढीली होने पर सीप की सर्जरी कर इसके अंदर सांचा डाल जाता है. सांचा जब सीप को चुभता है तो अंदर से एक पदार्थ निकलता है। थोड़े अंतराल के बाद सांचा मोती की शक्ल में तैयार हो जाता है। सांचे में कोई भी आकृति डालकर उसकी डिजाइन का आप मोती तैयार कर सकते हैं। डिजाइनर मोती की मांग बाज़ारों में ज्यादा है।
ऐसे मिलेगा सब्सिडी का लाभ
सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आपको ग्राम प्रधान या सेक्रेटरी से बात करनी होगी जिसके बाद सरकार की तरफ से आपको 50 प्रतिशत सब्सिडी मिल जायेगी। बिहार और गुजरात में इसकी खूब खेती हो रही है।
मिस न करें : ज़िन्दगी जीने और स्वस्थ रहने के सटीक उपाय
Don't Miss : यहाँ है क्रिकेट का अड्डा, पाएं खेल सम्बन्धी लेटेस्ट अपडेट