Explainer: मुकेश अंबानी को मिली Z+ सिक्योरिटी, 58 कमांडो करेंगे सुरक्षा, एक्सपर्ट से जानें क्या होती है Z+ सिक्योरिटी?

 
Explainer: मुकेश अंबानी को मिली Z+ सिक्योरिटी, 58 कमांडो करेंगे सुरक्षा, एक्सपर्ट से जानें क्या होती है Z+ सिक्योरिटी?

Mukesh Ambani Security: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उद्योगपति मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। MHA ने उन्हें Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी है। सिक्योरिटी पर आने वाले खर्च का भुगतान मुकेश अंबानी करेंगे। यह खर्च 40 से 45 लाख रुपए महीना होगा। इससे पहले उन्हें Z कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IB की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। आखिर किसे दी जाती है किस लेवल की सिक्योरिटी?  Z और Z+ सिक्योरिटी में क्या है अंतर? विदेश मामलों के जानकार डॉक्टर अभिषेक खरे इस बारे में दे रहे हैं विस्तृत जानकारी। 

क्या होती है  Z+ कैटेगरी सुरक्षा ?

  • यह एसपीजी के बाद दूसरी सबसे मजबूत सिक्योरिटी है।
  • Z+ सिक्योरिटी ज्यादातर केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों, मशहूर राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को दी जाती है।
  • इसमें 10 एनएसजी कमांडो समेत 55 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
  • सुरक्षा में लगे कमांडो 24 घंटे हथियारों से लैस रहते हैं। यह सुरक्षा तीन घेरे की होती है।
  • पहले घेरे में NSG कमांडो होते हैं। इसके बाद एसपीजी के अधिकारी रहते हैं।
  • तीसरे घेरे में आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान होते हैं।
  • इसमें एक्सकॉर्ट्स और पायलट व्हीकल भी मिलते हैं।

58 कमांडो करेंगे अंबानी की सिक्योरिटी

CRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सिक्योरिटी में 24 घंटे तैनात रहेंगे। ये कमांडो जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। इस गन से एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं। बता दें कि Z+ सिक्योरिटी भारत में VVIP की सबसे हाई लेवल की सुरक्षा है, इसके तहत 6 सेंट्रल सिक्योरिटी लेवल होते हैं। पहले से ही अंबानी की सिक्योरिटी में राउंड द क्लॉक 6 ट्रेंड ड्राइवर मौजूद हैं।

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घर के बाहर मिली थी संदिग्ध कार

मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी ऐसे समय में बढ़ाई गई है जब पिछले साल उनके घर एंटीलिया के बाहर एक संदिग्ध कार मिली थी, जिसमें जिलेटिन की 20 छड़ें पाई गई थीं। इसके अलावा उन्हें धमकी भरे कॉल भी मिलते रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई दिनों से अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार विचार कर रही थी।

कितने कैटेगरी की होती है सिक्योरिटी?

भारत में सुरक्षा व्यवस्था को 4 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें X, Y, Z और Z+ कैटेगरी शामिल हैं। इस बात का फैसला गृह मंत्रालय लेता है कि किसे कौन-सी कैटेगरी की सिक्योरिटी देनी है। सरकार सुरक्षा में खतरे के आधार पर वीआईपी सुरक्षा राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, जज, बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार, साधु-संत या आम नागरिक किसी को भी दे सकती है।

X कैटेगरी सुरक्षा

यह बेसिक प्रोटेक्शन है, जो छोटे नेताओं या अभिनेताओं को भी दी जा सकती है। इसमें केवल दो सुरक्षाकर्मी होते हैं और एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर होता है। इसमें कंमाडो नहीं होता है। देश के करीब 65 लोगों को इस कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई है। 

Y कैटेगरी सुरक्षा

Y कैटेगरी सिक्योरिटी वीआईपी लेवल के लोगों को मिलने वाली सुरक्षा है। इसमें 11 सुरक्षाकर्मी होतें हैं, जिनमें से 2 कमांडो और 2 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर भी होते हैं। 

Z कैटेगरी सुरक्षा

Z कैटेगरी सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के 4 या 5 कमांडर भी होते हैं। इस कैटेगरी की सिक्योरिटी में दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और ITBP के कमांडो भी होते हैं। इस कैटेगरी की सुरक्षा में एस्कॉर्ट कार होती है, जिसमें तैनात कमांडो मशीनगन के साथ होते हैं। इसके अलावा ये मार्शल आर्ट्स में भी माहिर होते हैं। 

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