OLA Electric Scooter: इस कंपनी में 2 मिनट में तैयार होता है स्कूटर,सिर्फ महिलाएं ही करती हैं काम

 
OLA Electric Scooter: इस कंपनी में  2 मिनट में तैयार होता है स्कूटर,सिर्फ महिलाएं ही करती हैं काम

OLA Electric Scooter: कैब संचालन करने वाली कंपनी ओला तमिलनाडु में इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए फ्यूचर फैक्ट्री तैयार कर रही है. कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल ने घोषणा की है कि उसकी कंपनी का संचालन केवल और केवल महिलाएं करेंगी. इसके लिए 10 हजार से अधिक महिलाओं को हायर किया जा रहा है.इसके अलावा कंपनी में 3 हजार से ज्यादा रोबोट भी काम करेंगे.

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OLA के सीईओ ने दी जानकारी

भाविश अग्रवाल ने अपने ट्वीट में कहा है कि हम अपने फैक्ट्री में डिलीवरी को जल्द शुरू करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं. यदि ओला अपने वादे पर खरा उतरती है तो वह दुनिया की एकमात्र महिला ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होगी.कंपनी का कहना है कि महिलाओं को बेहतर अवसर देने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कंपनी यह पहल कर रही है.

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दो मिनट में तैयार होता है एक स्कूटर

ओला कंपनी में सैकड़ों महिला कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है. फिलहाल सभी प्रशिक्षु हैं और जल्द ही पूर्णकालिक स्थायी हो जाएंगी. जहां उन्हें चिकित्सा बीमा, मातृत्व अवकाश सहित कई तरह के लाभ मिलेंगे. इस प्लांट में महिलाओं द्वारा हर दो मिनट में एक स्कूटर तैयार किया जाता है.

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OLA कर रही है महिलाओं को प्रशिक्षित

ओला कंपनी अपने प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु के स्नातक पास महिलाओं को तकनीकी रूप से दक्ष्य कर रही है. क्योंकि असेंबली लाइन पूरी तरह से स्वचालित है. ऐसे में यह महिला प्रोडक्शन असिस्टेंट से लेकर लाइन इंचार्ज सहित सभी तकनीकी भूमिकाओं पर काम करेगी.

OLA Electric Scooter: इस कंपनी में  2 मिनट में तैयार होता है स्कूटर,सिर्फ महिलाएं ही करती हैं काम

महिला कारखाना लगाने वाली पहली कंपनी नही है ओला

ओला भारत में 100 प्रतिशत महिला संचालित कारखाना लगाने वाली पहली नहीं होगी. औद्योगिक वाल्व बनाने वाली किर्लोस्कर ब्रदर्स पिछले एक दशक से भी अधिक समय से कोयंबटूर में महिलाओं के लिए एकमात्र कारखाना चला रही है.

इसके अलावा मुंबई स्थित उपभोक्ता वस्तुओं की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के पास दिसंबर 2014 से हरिद्वार संयंत्र में 100 महिलाओं द्वारा संचालित शॉप फ्लोर है.

लेकिन इन कंपनियां में महिला कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है. भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में औसतन 12 फीसदी महिलाएं कार्यरत हैं.

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