OPS vs NPS: इस राज्य की सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, एनपीएस को रद्द कर लागू की जाएगी पुरानी पेंशन व्यवस्था

 
OPS vs NPS: इस राज्य की सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, एनपीएस को रद्द कर लागू की जाएगी पुरानी पेंशन व्यवस्था

OPS vs NPS: ओपीएस और एनपीएस एक ही पहलू के दो सिक्के हैं. इसमें दो अलग-अलग बातों का व्याख्यान है. जैसे ओपीएस का मतलब ओल्ड पेंशन स्कीम है जबकि एनपीएस का मतलब नेशनल पेंशन स्कीम है. ओपीएस की मांग लोगों में तेज है जो कुछ प्रदेशों में लागू की गई है. वहीं इस बीच ओल्ड पेंशन सिस्टम को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि हिमाचल सरकार द्वारा पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जा रहा है.

पहली कैबिनेट में लागू होगा OPS

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इस महीने हमारी कैबिनेट (गठित) हो जाएगी और इसके बाद सबसे पहली कैबिनेट मीटिंग में हम ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर देंगे, जिससे लाखों कर्मचारियों को बड़ा फायदा मिलेगा. 

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क्यों है पुरानी पेंशन की माँग?

पुरानी पेंशन योजना को तरजीह देने का एक कारण यह भी है कि इसके तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन ज़रूर दी जाती है. जो सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले मूल वेतन का 50 प्रतिशत होता है, यानी मूल वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है.इतना ही नहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी को कार्यरत कर्मचारी की तरह लगातार महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की सुविधा भी मिलती है.इससे महंगाई बढ़ने के साथ-साथ पेंशन में भी बढ़ोतरी होती रहती है.

OPS vs NPS: इस राज्य की सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, एनपीएस को रद्द कर लागू की जाएगी पुरानी पेंशन व्यवस्था

कई और राज्यों में भी होगी लागू

साल 2022 के बजट में राजस्थान सरकार ने भी अगले वित्त वर्ष में ओल्ड पेंशन को फिर से शुरू करने का ऐलान किया था. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भी राज्य सरकार इसको लागू करने वाली है. केंद्र सरकार ने साल 2004 में पुरानी पेशन योजना को खत्म करके उसके बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरु किया था.

क्या है अंतर? (OPS vs NPS)

पेंशन कितनी मिलती है?

एनपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों से नौकरी के दौरान पैसा जमा किया जाता है. इन पैसों को मार्केट लिंक्डसिक्योरिटीज में इनवेस्ट किया जाता. जबकि ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को उसकी आखिरी सैलरी के आधार पर पेंशन दी जाती है.

टैक्स में फायदा

एनपीएस में सेक्शन 80C के तहत सालाना निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट की सुविधा मिल जाती है. सेक्शन 80CCD(1B) के अंतर्गत 50 हजार रुपये की छूट पाई जा सकती है.वहीं ओपीएस में कोई भी टैक्स छूट का प्रावधान नहीं होता है.

पेंशन की राशि क्या है?

रिटायर होने के बाद एनपीएस का 60 फीसदी पैसा दिया जाता है जो टैक्स फ्री रहता है. इसका 40 प्रतिशत लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की एन्युटी में जमा होता है. वहीं ओपीएस से किसी तरह की कमाई पर ब्याज नहीं लगता है.

OPS vs NPS: इस राज्य की सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, एनपीएस को रद्द कर लागू की जाएगी पुरानी पेंशन व्यवस्था
credit- Pixa

OPS और NPS में कौन है बेहतर?

ओपीएस में मिलने वाली पेंशन राशि तय होती है. अंतिम सैलरी जो भी मिलती हो उसका 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाता है. मगर एनपीएस की पेंशन घट भी सकती है और बढ़ भी सकती है. एनपीएस बाजार से जुड़ा है जिसमें रिटर्न की गारंटी पूरी तरह से नहीं होती है. इसलिए ओपीएस एनपीएस से बेहतर होता है.

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