Petrol Diesel Price Update: कच्चे तेल के दाम गिरने के चलते देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 14 रुपए तक की कमी आ सकती है। इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल (ब्रेंट) की कीमत जनवरी से निचले स्तर पर हैं। यह अब 81 डॉलर से नीचे आ गया है। अमेरिकी क्रूड 74 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। आज यानी 1 दिसंबर 2022 को देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में कोई बदलाव नहीं हुआ है. दिल्ली से लेकर मुंबई और कोलकाता से लेकर चेन्नई तक सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर है.
Petrol Rate in Delhi
दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत (Diesel Rate in Delhi) 89.62 रुपये प्रति लीटर है.
Petrol Rate in Mumbai
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत (Diesel Rate in Mumbai) 94.27 रुपये प्रति लीटर है. यहां यह उल्लेखनीय है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैट के आधार पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हैं.
ये हैं Petrol Diesel Price Update
S.No. | City | Petrol price per Litre (In Rs.) | Diesel Price per Litre (In Rs.) |
1. | Delhi | 96.72 | 89.62 |
2. | Mumbai | 106.31 | 94.27 |
3. | Chennai | 102.73 | 94.33 |
4. | Kolkata | 106.03 | 92.76 |
5. | Lucknow | 96.47 | 89.76 |
6. | Hyderabad | 109.66 | 97.82 |
7. | Bengaluru | 101.94 | 87.89 |
8. | Jaipur | 108.67 | 93.48 |
9. | Ahmedabad | 96.57 | 92.32 |
10. | Patna | 107.24 | 94.04 |
जानिए पेट्रोल-डीजल के दाम घटने की 3 वजह
1. ऑयल कंपनियों को प्रति बैरल 245 रुपए की बचत
अभी देश में पेट्रोल और डीजल की जो कीमतें हैं, उसके हिसाब से क्रूड ऑयल का इंडियन बास्केट करीब 85 डॉलर प्रति बैरल होना चाहिए, लेकिन ये 82 डॉलर के आसपास आ गया है। इस भाव पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को प्रति बैरल (159 लीटर) रिफाइनिंग पर करीब 245 रुपए की बचत होगी।
2. ऑयल कंपनियों को हो रहा घाटा अब खत्म
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल की बिक्री पर मुनाफा होने लगा है, लेकिन डीजल पर अब भी 4 रुपए प्रति लीटर घाटा हो रहा है। तब से अब तक ब्रेंट क्रूड करीब 10% सस्ता हो गया है। ऐसे में कंपनियां डीजल पर भी मुनाफे में आ गई हैं।
3. 70 डॉलर की तरफ बढ़ रहा कच्चा तेल, मिलेगी राहत
पेट्रोलियम एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि ब्रेंट तेजी से 70 डॉलर की तरफ बढ़ रहा है। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम जरूर कम होंगे, लेकिन थोड़ा वक्त लगेगा। तेल आयात से लेकर रिफाइनिंग तक का साइकल 30 दिन का होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने के एक माह बाद असर दिखता है।
पेट्रोल-डीजल के आज के दाम
देश में तेल के दाम लगभग पिछले करीब 6 महीने से स्थिर हैं। हालांकि, जुलाई में महाराष्ट्र में पेट्रोल जरूर पांच रुपए और डीजल तीन रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ था, लेकिन बाकी राज्यों में दाम जस के तस बने हुए हैं।
क्यों नहीं घट रहे पेट्रोल-डीजल के दाम?
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कुछ दिन पहले ही जानकारी दी थी कि तेल कंपनियां अपने पिछले नुकसान की भरपाई करने के लिए अभी पेट्रोल-डीजल के भाव में कटौती नहीं कर रही हैं. ऐसे में कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिलहाल स्थिर हैं. बता दें कि अप्रैल में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान कच्चा तेल रिकॉर्ड ऊंचाई पर था जिसकी वजह से राष्ट्रीय तेल कंपनियों को काफी नुकसान हुआ था.
घर बैठे चेंक करें Petrol Diesel Price Update
अगर आप घर बैठे पेट्रोल औऱ डीजल के रेट जानना चाहते हैं तो उसके लिए आपको गुड्स रिटर्न वेबसाइट और मोबाइल नंबर पर एक SMS के करना होगा जिसमें आपको अपने शहरे के रेट पता चल जाएंगे. इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज सैंड करना होगा.
भारत में पेट्रोल कीमत को प्रभावित करने वाले 5 कारण
कच्चे तेल की लागत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में बदलाव घरेलू बाजार में कच्चे तेल की कीमत को सीधे प्रभावित करता है, भारतीय घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार यह सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।
दाम में बढ़ोतरी
भारत और अन्य विकासशील देशों में आर्थिक विकास से पेट्रोल और अन्य आवश्यक ईंधन की मांग में भी वृद्धि हुई है। हाल ही में निजी वाहनों के मालिकों की संख्या भी बढ़ी है, जिससे भारत में पेट्रोल की मांग बढ़ी है।
आपूर्ति और मांग का मिलान
कच्चे तेल के इनपुट मूल्य की उच्च लागत के कारण भारत में तेल रिफाइनरी कंपनियों को बाजार की मांगों को पूरा करने में समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप देश में पेट्रोल की कम आपूर्ति और अधिक मांग होती है।
रुपए से डॉलर की एक्सेंज रेट रुपया-डॉलर विनिमय दर उन प्रमुख कारकों में से एक है जो भारत में पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करती हैं। भारतीय तेल कंपनियां डॉलर के संदर्भ में अन्य देशों से आयातित तेल को भुगतान करती हैं।
पेट्रोल की रिकॉर्ड खपत
2021-22 के दौरान ईंधन की मांग 4.3 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 20.27 करोड़ टन पर पहुंच गई। यह 2019-20 के बाद का उच्च स्तर है। इस दौरान वाहन ईंधन और रसोई गैस की खपत में इजाफा हुआ। पेट्रोल की खपत 10.3 फीसदी बढ़कर 3.08 करोड़ टन हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
डीजल में 6.7 फीसदी बढ़ोतरी
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले डीजल की कुल ईंधन खपत में हिस्सेदारी 40 फीसदी रही। मार्च में डीजल की मांग 6.7 फीसदी बढ़कर 77 लाख टन पर पहुंच गई। पेट्रोल की खपत 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 29.1 लाख टन रही। खास बात यह है कि पेट्रोल एवं डीजल दोनों ही ईंधनों की मांग मार्च में महामारी-पूर्व स्तर को पार कर गई।
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