PPF Calculator: अगर आप स्माल सेविंग्स स्कीम से बचत करने की सोच रहे हैं तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ आपके लिए एक अच्छा विकल्प है. पीपीएफ एक लंबे समय-अवधि का सेविंग स्कीम है. पीपीएफ(PPF) की मैच्योरिटी पीरियड 15 साल की होने के चलते यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देता है.
एम्प्लॉयर पीएफ बैलेंस में 12% का योगदान करता है, जबकि एम्प्लॉई पीएफ बैलेंस में 3.67% का योगदान करता है. कर्मचारी स्वेच्छा से मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% से अधिक ईपीएफ खाते में योगदान कर सकता है, लेकिन यह मूल वेतन का अधिकतम 100% ही हो सकता है. इस लेख में आज हम आपको बताएंगे कि पीएफ की गणना कैसे की जाती है…
पीएफ की गणना कैसे की जाती है? (PPF Calculator)
कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के पैरा 60 में भविष्य निधि अंशदान पर ब्याज की गणना से संबंधित नियमों का उल्लेख है. ब्याज की गणना करते समय कर्मचारी के ईपीएफ खाते के मासिक चालू शेष राशि को ध्यान में रखा जाता है. फिलहाल सरकार ईपीएफ योगदान पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान कर रही है. उदाहरण के लिए, यदि ब्याज दर 8.1 प्रतिशत है और मासिक शेष राशि 10,00,000 रुपये है, तो ब्याज की राशि 1104740x 8.1/1200 = 6,750 रुपये होगी.
एक वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज की कैलकुलेशन
मूल वेतन + महंगाई भत्ता = ₹ 15,000
- EPF में कर्मचारी का योगदान = ₹ 15,000 का 12% = ₹ 1,800
- ईपीएस में कंपनी/नियोक्ता का योगदान = ₹ 15,000 का 8.33% = ₹ 1,250
वित्तीय वर्ष 2011-12 में, EPFO ने सुझाव दिया था कि उन EPF खातों में ब्याज का भुगतान रोका जाए जिनमें 3 साल से ज्यादा समय से कोई योगदान नहीं किया गया है. हालांकि, यह निर्णय 2016 में वापस ले लिया गया. ईपीएफओ ने हाल ही में अधिसूचित किया है कि पीएफ का पैसा सरकार के उमंग ऐप के माध्यम से भी निकाला जा सकता है.
केंद्र ने ब्याज में नही किया है बदलाव
पीपीएफ (PPF) पर मिलने वाली ब्याज दर को केन्द्र सरकरा हर तिमाही में रेगूलेट करती है. केन्द्र सरकार ने पीपीएफ पर इस तिमाही यानी 1 जनवरी 2023 को कोई बदलाव नहीं किया है. ग्राहको कों इस तिमाही छोटी बचत योजना पर 7.1 फीसदी की ब्याज दर मिलेगी. पीपीएफ में इन्वेस्ट करना केवल आकर्षक ब्याज ही नही देता है बल्कि इससे मिलने वाले रिटर्न पर कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ता है.
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