Ration Card Rules: राशन कार्ड के आवेदन को लेकर बदले नियम, तुरंत करें अपडेट वरना होगी परेशानी

 
Ration Card Rules: राशन कार्ड के आवेदन को लेकर बदले नियम, तुरंत करें अपडेट वरना होगी परेशानी

Ration Card Rules: हर घर में महीने का राशन जरूर आता होगा जो व्यक्ति की डेली नीड्स होती है। मगर मध्यम वर्गीय परिवार या उससे नीचे स्तर के लोगों को सरकार राशन देती है। केंद्र सरकार राशन कार्ड को लेकर कोई ना कोई नियम लाती रहती है। इस बार 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड जारी करने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। इस रजिस्ट्रेशन से बेघर, निराश्रितों, प्रवासियों और दूसरे पात्र लाभार्थी अब आसानी से राशन कार्ड बनवा सकते हैं। हालांकि इसको लेकर सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं जिसे देशभर में लागू भी कर दिया गया है। Ration Card Rules में क्या-क्या बदलाव आए हैं, इसके बारे में हम आपको कुछ जानकारी देते हैं।

क्या हैं राशन कार्ड को लेकर नए नियम

खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने माई राशन माई राइट (My Ration-My Right) को लेकर जनता को जागरुक किया है। उन्होंने बताया कि सामान्य पंजीकरण सुविधा का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पात्र लाभार्थियों की पहचान कराना हो। इससे लोगों को राशन कार्ड मुहैया कराने में मदद मिलेगी। Ration Card Rules के तहत सरकार उन लोगों को जागरुक करना चाहती है जिन्हें सच में राशन की जरूरत है। खाद्य सचिव ने आगे बताया कि पिछले 7 से 8 सालों में लगभग 18 से 19 करोड़ लाभार्थियों के करीब 4.7 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए हैं।

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Ration Card Rules: राशन कार्ड के आवेदन को लेकर बदले नियम, तुरंत करें अपडेट वरना होगी परेशानी

इसके अलग-अलग कारण सचिव ने बताए हैं। सचिव ने बताया है कि राशन उन लोगों को नहीं मिल पा रहा जिसे मिलना चाहिए और अब नए नियमों के हिसाब से सही लोगों तक राशन पहुंचेगा। राशन कार्ड अपटेड करने में कई ऐसी जानकारी बतानी होगी जो आधार कार्ड से जुड़ी होगी। ऐसे में झूठ चीज एक्सेप्ट नहीं होगी और सही व्यक्ति तक राशन भी पहुंचेगा।

सचिव ने बताया कि शुरुआत में वेब आधारित नई सुविधा 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध होगी। महीने के अंत तक सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसे लागू कर दिया जाएगा। प्रथम 11 राज्यों में असम, गोवा, लक्ष्यद्वीप, महाराष्ट्र, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, पंजाब और उत्तराखंड जैसे नाम लिस्टेड हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार, लगभग 81.35 करोड़ व्यक्तियों को इसका फायदा मिल रहा है। इस अधिनियम के अंतर्गत लगभग 79.77 करोड़ लोगों राशन की सुविधा मिल रही है।

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