RBI Monetary Policy 2021: महंगाई के कारण रेपो रेट 4% पर बरकरार, बैंक दरें 4.25 फीसदी

 
RBI Monetary Policy 2021: महंगाई के कारण    रेपो रेट 4% पर बरकरार, बैंक दरें 4.25 फीसदी

RBI Monetary Policy 2021: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आज यानि शुक्रवार को साल 2021 की तीसरी मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. महंगाई के कारण इस साल की पॉलिसी में रेपो रेट (Repo Rate) 4% पर बरकरार है इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानि कि ब्याज दरों में कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ है. इसके अलावा रिजर्व रेपो रेट (Reverse Repo Rate) पहले की तरह 3.35% पर है इसमें भी कोई परिवर्तन किया गया है.

आरबीआई (RBI) ने वित्त वर्ष 22 के सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान घटाकर 9.5 पीसी कर दिया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति (एमसीसी) ने यथास्थिति बनाए रखने के लिए मतदान किया यानी रेपो दर 4% पर अपरिवर्तित बनी हुई है.

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विकास पर न पड़े फर्क इसलिए नहीं हुआ बदलाव

आरबीआई के गवर्नर ने बताया है कि MCC ने टिकाऊ आधार पर विकास को पुनर्जीवित करने और बनाए रखने और अर्थव्यवस्था पर COVID के प्रभाव को कम करने के लिए जब तक आवश्यक हो, तब तक समायोजन के रुख को जारी रखने का निर्णय लिया गया है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दरें 4.25% पर अपरिवर्तित रहती हैं. रिवर्स रेपो रेट भी 3.35% पर अपरिवर्तित रहता है. यानि कि इसमें भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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वैक्सीनेशन होने से इकोनॉमी में मिलेगी मदद

शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में तेजी के साथ वैक्सिनेशन होने से इकोनॉमी के बढ़ने में मदद मिल सकती है. सात ही उन्होंने कहा कि ग्लोबल ट्रेंड सुधरने से एक्सपोर्ट भी आगे बढ़ेगा. कम डिमांड से प्राइस प्रेशर का दबाव होता है. महंगे क्रूड और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में उछाल आने के कारण प्राइस प्रेशर की यह स्थिति बनी है. उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में पॉलिसी सपोर्ट बहुत आवश्यक है.

इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 21 का रियल जीडीपी -7.3 फीसदी पर रहेगा. वहीं रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष यानी साल 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है जो कि पहले 10.50 फीसदी का अनुमान जताया गया था. गवर्नर दास ने कहा कि कोविड का असर जब तक खत्म नहीं होता तब तक अकोमडेटिव नजरिया ही बना रहेगा.

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