4000 मेगावाट सौर पीवी मॉड्यूल का निर्माण करेगी SSEL, IREDA ने दी परियोजना की मंजूरी

 
4000 मेगावाट सौर पीवी मॉड्यूल का निर्माण करेगी SSEL, IREDA ने दी परियोजना की मंजूरी

दिल्ली : शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (एसएसईएल) ने 11 नवंबर को घोषणा की कि उसे उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) से लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) मिला है। नई परियोजना का संचालन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) के तहत किया जाएगा।

इरेडा ने पहले उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया था। इस परियोजना की बोली कि रेस में एसएसईएल ने रिलायंस और जिंदल जैसे अन्य औद्योगिक समूहों को पछाड़कर पॉलीसिलिकॉन + इनगॉट-वेफर + सेल + मॉड्यूल स्थापित करने के लिए 4,000 मेगावाट की क्षमता के लिए यह बोली जीती।

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एसएसईएल के सीईओ शरत चंद्र ने कहा कि यह लेटर ऑफ अवार्ड (LoA) भविष्य में उनकी प्रतिबद्धता को उत्प्रेरित करेगा, और कहा कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

"हम आत्मनिर्भार भारत अभियान का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है। इन विनिर्माण पहलों के माध्यम से, हम आश्वस्त करते हैं कि भविष्य में हमारी यात्रा हमारे लिए एक स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध होगी," शरत चंद्र ने कहा।

शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स पिछले 25 वर्षों से भारत के ट्रांसमिशन और वितरण क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों में से एक रहा है। कंपनी ट्रांसफॉर्मर की एक अग्रणी निर्माता है, और इसके उत्पाद देश भर में विभिन्न उपयोगिता ग्रिड पर स्थापित हैं। ट्रांसफॉर्मर के अलावा, एसएसईएल ने 80,000 किलोमीटर से अधिक एलटी और एचटी ट्रांसमिशन लाइनें भी स्थापित की हैं और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कई जटिल टर्नकी परियोजनाओं पर काम किया है।

भारत ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा की 1,75,000 मेगावाट क्षमता और 2030 तक 4,50,000 मेगावाट क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। तकनीकी-आर्थिक विश्लेषण के आधार पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने अपनी इष्टतम ऊर्जा मिश्रण रिपोर्ट में संकेत दिया है कि 2029-30 तक सौर ऊर्जा से 2,80,000 मेगावाट क्षमता की आवश्यकता होगी जिसके लिए 2030 तक 25,000 मेगावाट प्रति वर्ष सौर ऊर्जा की स्थापना की आवश्यकता होगी।

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