SSY: खाताधारकों के लिए आई खुशखबरी,इस योजना के बदले नियम
SSY: यदि आप अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए ज्यादा पैसे जोड़ना चाहते हैं। तो हम लेकर आए हैं आपके लिए एक नई योजना सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Smridhi Yojana) एक अच्छा विकल्प है। SSY योजना में पैसा इन्वेस्ट करके आप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा और शादी के लिए निश्चिंत हो जाएंगे। इसके लिए आपको सुकन्या समृद्धि योजना में इन्वेस्ट करना होगा। इस योजना के लिए 10 साल से कम उम्र की बेटी का सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अकाउंट खोला जा सकता है। एसएसवाई बेटियों के लिए सरकार की एक छोटी बचत योजना हैं। इस योजना को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत लॉन्च किया गया हैं। छोटी बचत स्कीम में सुकन्या सबसे बेहतर ब्याज दर वाली योजना हैं।लेकिन अब इसके नियम बदल गए हैं।जानिए क्या क्या बदला?
इस SSY में खाता कैसे खुलवाएं
एसएसवाई के तहत खाता किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद 10 साल से पहले की उम्र में कम से कम 250 रुपये के जमा के साथ खाता खोला जा सकता है। चालु वित्तीय वर्ष में SSY के तहत ज्यादा से ज्यादा एक लाख पचास हजार रुपये तक सालाना जमा कर सकते हैं। अभी इस पर 7.6 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसमें आप अपनी दो बेटियों के लिए अकाउंट खुलवा सकता है। 21 वर्ष की उम्र में बेटियां इस अकाउंट से पैसा निकाल सकती हैं। इस स्कीम में 9 साल 4 महीने में रकम डबल हो जाएगी।
अब 'तीसरी' बेटी का भी खोल सकेंगे खाता
पहले इस योजना में दो बेटियों के खाते पर ही 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता था। तीसरी बेटी पर यह फायदा नहीं मिलता था।नए नियम के तहत एक बेटी के बाद यदि दो जुड़वां बेटियां पैदा होती हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान है।
डिफॉल्ट अकाउंट पर नहीं बदलेगी ब्याज दर
इसके तहत खाते में सालाना कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है। इस राशि के जमा नहीं होने पर अकाउंट को डिफॉल्ट मान लिया जाता है. लेकिन नए नियमों के तहत अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा। पहले डिफॉल्ट खातों पर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्याज मिलता था।
तय समय से पहले बंद कर सकते हैं अकाउंट
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोले गए खाते को पहले दो परिस्थियों में बंद किया जा सकता था ।पहला बेटी की मौत हो जाए तो और दूसरा यदि बेटी के रहने का पता बदल जाए तब। लेकिन नए बदलाव के बाद खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। अभिभावक की मौत होने पर भी समय से पहले अकाउंट बंद किया जा सकता है।