Success Story: कभी मजदूरी करके भरता था अपना पेट, आज अरबों रुपयों का है मालिक, कुछ खास है इनकी सफलता की कहानी
Success Story: हर इंसान की अपनी कहानी होती है। हर कोई पैसा कमाना चाहता है लेकिन लक्ष्मी किसी किसी पर मेहरबान होती हैं। पैसा कमाने के लिए खुद को संघर्ष की आग में तपाना होता है और ऐसा ही सुदीप दत्ता ने भी किया। सुदीप आज अरबों रुपयों के मालिक हैं जो पिता और भाई के निधन के बाद अकेले हो गए थे। सुदीप पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के रहने वाले हैं। कम उम्र में परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए मजदूरी का काम करने लगे। इसके लिए उन्हें 15 रुपये मिलते थे. चलिए आपको उनके संघर्ष की कहानी बताते हैं।
कैसी है सुदीप दत्ता के अरबपति बनने की Success Story?
सुदीप दत्ता जिस कंपनी में मजदूरी करते थे उसे खरीद लिए। इस फैक्ट्री के मालिक ने नुकसान के कारण फैक्ट्री बंद करने का फैसला लिया। हर कोई नई नौकरी तलाश रहा था मगर सुदीप के सपने अलग थे। उन्होंने 16 हजार रुपये किसी तरह जमा किए और फैक्ट्री चलाने का फैसला किया। सुदीप ने 7 मजदूरों के परिवार की जिम्मेदारी उठा ली। हालांकि तब वे खुद का भी गुजारा नहीं कर सकते थे। सुदीप ने फैक्ट्री खरीदने का सोचा लेकिन मालिक ने दो साल का मुनाफा बांटने के वादा लिया। सुदीप ने हां बोला और काम शुरू कर दिया।
सुदीप के काम को लोग पसंद करने लगे, और जो माल वो बनाता उसकी क्वालिटी अच्छी थी। इससे उसके ग्राहक बढ़ते चले गए काम अच्छा चल पड़ा। कुछ कंपनियां थीं जो ज्यादा फेमस थीं जिनको ऑर्डर भी अच्छा मिलता था। सुदीप ने स्कीम चला चलाकर अपनी कंपनी का माल मार्केट में उतारा जिसकी डिमांड बढ़ने लगी। सुदीप ने अलग-अलग तरह के आइडिया लगाकर कंपनी को अच्छा मुनाफा दिलाना शुरू कर दिया। सुदीप की मेहनत रंग लाी और नेस्ले और सिप्ला जैसी कंपनियों से भी छोटे ऑर्डर आने लगे।
अपनी दिन रात की मेहनत से सुदीप ने 1600 करोड़ रुपये से भी अधिक की कंपनी खड़ी कर दी। सुदीप की कंपनी का नाम अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो गया है। सुदीप को अव्वल दर्जे के काम मिलने लगे हैं। उन्हें पैकेजिंग इंडस्ट्री का नारायणमूर्ति कहा जाने लगा।
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