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Sukanya Smriddhi Yojana: इस महीने से हो सकता है योजना में बड़ा बदलाव,जानिए कितना होगा फायदा

 

यदि आप अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए ज्यादा पैसे जोड़ना चाहते हैं। तो सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Smriddhi Yojana) एक अच्छा विकल्प है। एसएसवाई योजना में पैसा इन्वेस्ट करके आप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा और शादी के लिए निश्चिंत हो जाएंगे। इसके लिए आपको सुकन्या समृद्धि योजना में इन्वेस्ट करना होगा। इस योजना को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत लॉन्च किया गया हैं। छोटी बचत स्कीम में सुकन्या सबसे बेहतर ब्याज दर वाली योजना हैं।लेकिन बढ़ती हुई महंगाई और रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद इस योजना की ब्याज दर में भी वृद्धी की जा सकती है।रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से कई बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। अब सरकारी बचत योजनाओं में ब्याज दरों के बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। फिलहाल सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6 प्रतिशत ब्याज दर मिल रहा है।

Sukanya Smriddhi Yojana में खाता कैसे खुलवाएं

एसएसवाई के तहत खाता किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद 10 साल से पहले की उम्र में कम से कम 250 रुपये के जमा के साथ खाता खोला जा सकता है। चालु वित्तीय वर्ष में एसएसवाई के तहत ज्यादा से ज्यादा एक लाख पचास हजार रुपये तक सालाना जमा कर सकते हैं। अभी इस पर 7.6 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसमें आप अपनी दो बेटियों के लिए अकाउंट खुलवा सकता है। 21 वर्ष की उम्र में बेटियां इस अकाउंट से पैसा निकाल सकती हैं। इस स्कीम में 9 साल 4 महीने में रकम डबल हो जाएगी।

SSY में खाता कहां खुलेगा और कब तक रहेगा जारी

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Smridhi Yojana) के तहत खाता किसी पोस्ट ऑफिस या कमर्शियल ब्रांच की अधिकृत शाखा में खोला जा सकता है। और सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट खोलने के बाद यह बच्ची के 21 साल के होने या 18 साल की उम्र के बाद उसकी शादी होने तक जारी रखा जा सकता है।

हर तिमाही होती है ब्याज की गणना

सरकार हर तिमाही स्माल स्कीम्स और सेविंग्स की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। ऐसे में उम्मीद है कि सितम्बर के महीने में सरकार ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगी। सरकार स्माल स्कीम्स पर 0.50 से 0.75 फीसदी तक ब्याज बढ़ा सकती है। RBI के रेपो रेट बढ़ाने के बाद वित्त मंत्रालय ने स्माल स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। आपको बता दें कि इन योजनाओं की ब्याज दरें तय करने का फार्मूला 2016 में श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था।

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