इस सरकार ने Bamboo को जंगली पौधे की लिस्ट से किया बाहर, बताया यह कारण
बांस की खेती के बारे में आप सभी ने सुना होगा, बांस के बारे में अन्य कई कारण भी आप लोगों ने सुने होंगे।बांस की खेती किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प होगी ऐसा कहना हैं आंध्र प्रदेश की सरकार का, अब आंध्र प्रदेश राज्य कृषि मिशन ने बांस को बागवानी के तहत लाने की पहल की हैं। ताकि किसान अपनी आय को अधिक मात्रा में बढ़ा सके।
राज्य सरकार का क्या हैं स्टैंड ?
प्रदेश की सरकार ने बांस को जंगली पौधे की श्रेणी से हटा दिया हैं। इसके लिए वह अपनी भूमि के हिस्से में इसे वैकल्पिक फसल के रूप में भी लगा सकें। APSAM के उपाध्यक्ष एमवीएस नागी रेड्डी ने एक चर्चित अख़बार से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य में कई फसलों की खेती की जाती हैं। उनमें से कुछ जैसे धान की अत्यधिक खेती राज्य के किसान करते हैं, जो हमारे किसानों के लिए प्रतिकूल है।
एमवीएस रेड्डी ने आगे कहा कि हम हम विकल्पों का गहरा अध्ययन कर रहे हैं। सिंचित क्षेत्रों में बाजरा, दलहन और बागवानी फसलों के लिए किसानो को मोटिवेट किया जा रहा है। स्टडी के दौरान ही पता चला पाया हैं कि बांस एक बेहतर विकल्प के रूप में मौजूद हैं। रेड्डी ने यह भी साफ कहा कि विकल्प का मतलब यह नहीं कि किसान पूरी जमीन पर सिर्फ बांस की ही खेती करें।
बांस कब तक देगा आर्थिक लाभ ?
हमारा मकसद केवल इतना ही है कि वे अन्य फसलों के साथ इसकी भी खेती करता रहे। जब यह वन विभाग के अधीन था तब किसान इसकी खेती नहीं कर पाते थे क्योंकि तब यह जंगली पौधे की श्रेणी में आता था। बांस की खेती में शुरू के कुछ वर्ष में कमाई नहीं हो पाती हैं। लेकिन इसके लगने के करीब चार साल बाद किसान 90 वर्षों तक आमदनी प्राप्त कर सकता हैं।
बांस की खेती से जमीन को क्या फायदा ?
बांस पर्यावरण के साथ ही मिट्टी के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। यह काफी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण कर लेता हैं और ऑक्सीजन छोड़ता है। साथ ही यह मिट्टी की कटान को रोक लेता हैं और ज़मीन को उपजाऊ बना देता हैं। इससे किसान अपनी आमदनी भी बढ़ा सकता हैं।
केंद्र और राज्य कितनी सब्सिडी देती हैं ?
केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी किसानों को बांस की खेती के लिए 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। कुछ समय पहले तक आंध्र प्रदेश में बांस को जंगली पौधे की श्रेणी में रखा हुआ था। लेकिन अब इसे बागवानी विभाग के अंतर्गत कर दिया गया हैं। अब बागवानी आयुक्त ही राज्य बांस मिशन के मिशन डायरेक्टर होंगे।इसके अलावा, राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत, बांस किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी मिल सकती हैं।
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