NPS और OPS में कौन सी स्कीम है बेहतर और क्यों की जा रही है OPS को बहाल करने की मांग,जानें पूरी डिटेल

 
NPS और OPS में कौन सी स्कीम है बेहतर और क्यों की जा रही है OPS को बहाल करने की मांग,जानें पूरी डिटेल

OPS vs NPS: ओपीएस और एनपीएस एक ही पहलू के दो सिक्के हैं. इसमें दो अलग-अलग बातों का व्याख्यान है. जैसे ओपीएस का मतलब ओल्ड पेंशन स्कीम है जबकि एनपीएस का मतलब नेशनल पेंशन स्कीम है. ओपीएस की मांग लोगों में तेज है जो कुछ प्रदेशों में लागू की गई है. पंजाब में लागू किया जाना था लेकिन हो नहीं पाया है. सरकार ने ओपीएस को बंद करके नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस को शुरू किया है.

क्या है NPS?

एनपीएस एक तरह से नई योजना है जिसे विरोधी दलों ने मुद्दा बना लिया है. एनपीएस हो या ओपीएस दोनों ही रिटायरमेंट योजना है. जिसमें ग्राहक को लगातार पैसे जमा करके ही उसका रिटर्न मिलेगा. ओपीएस के अपोजिट एनपीएस में मार्केट लिंक्ड निवेश करके पैसा मिल जाता है. इसका रिटर्न पेंशनर को दिया जाता है. अब इन दोनों फर्क कैसा है चलिए बताते हैं.

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क्यों है पुरानी पेंशन की माँग?

पुरानी पेंशन योजना को तरजीह देने का एक कारण यह भी है कि इसके तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन ज़रूर दी जाती है. जो सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले मूल वेतन का 50 प्रतिशत होता है, यानी मूल वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है.इतना ही नहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी को कार्यरत कर्मचारी की तरह लगातार महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की सुविधा भी मिलती है.इससे महंगाई बढ़ने के साथ-साथ पेंशन में भी बढ़ोतरी होती रहती है.

NPS और OPS में कौन सी स्कीम है बेहतर और क्यों की जा रही है OPS को बहाल करने की मांग,जानें पूरी डिटेल

क्या है कर्मचारी संघों का पक्ष?

पंजाब में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों द्वारा लगातार सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया जाता रहा है.राहत की बात यह है कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है. इसलिए हम कर्मचारी अब से पुरानी पेंशन योजना के तहत आते हैं.

हिमाचल के कर्मचारियों का भी कुछ ऐसा ही मानना है.हिमाचल के कर्मचारी संघ के नेता भरत शर्मा ने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्दी ही सरकार अपना वादा पूरा करेगी जिससे अब से कर्मचारी पेंशन के हकदार हो जाएँगे.

क्या है अंतर? (OPS vs NPS)

पेंशन कितनी मिलती है?

एनपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों से नौकरी के दौरान पैसा जमा किया जाता है. इन पैसों को मार्केट लिंक्डसिक्योरिटीज में इनवेस्ट किया जाता. जबकि ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को उसकी आखिरी सैलरी के आधार पर पेंशन दी जाती है.

टैक्स में फायदा

एनपीएस में सेक्शन 80C के तहत सालाना निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट की सुविधा मिल जाती है. सेक्शन 80CCD(1B) के अंतर्गत 50 हजार रुपये की छूट पाई जा सकती है.वहीं ओपीएस में कोई भी टैक्स छूट का प्रावधान नहीं होता है.

पेंशन की राशि क्या है?

रिटायर होने के बाद एनपीएस का 60 फीसदी पैसा दिया जाता है जो टैक्स फ्री रहता है. इसका 40 प्रतिशत लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की एन्युटी में जमा होता है. वहीं ओपीएस से किसी तरह की कमाई पर ब्याज नहीं लगता है.

NPS और OPS में कौन सी स्कीम है बेहतर और क्यों की जा रही है OPS को बहाल करने की मांग,जानें पूरी डिटेल
credit- Pixa

OPS और NPS में कौन है बेहतर?

ओपीएस में मिलने वाली पेंशन राशि तय होती है. अंतिम सैलरी जो भी मिलती हो उसका 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाता है. मगर एनपीएस की पेंशन घट भी सकती है और बढ़ भी सकती है. एनपीएस बाजार से जुड़ा है जिसमें रिटर्न की गारंटी पूरी तरह से नहीं होती है. इसलिए ओपीएस एनपीएस से बेहतर होता है.

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