AICTE ने युवाओं के साथ जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के साथ मिलाया हाथ

 
AICTE ने युवाओं के साथ जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के साथ मिलाया हाथ

4 मई 2023, दिल्ली : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एनर्जी स्वराज फाउंडेशन (ईएसएफ) के साथ हाथ मिलाते हुए जलवायु परिवर्तन के वैश्विक मुद्दे से निपटने को दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किए।एआईसीटीई ने युवाओं को एक स्थायी भविष्य बनाने में सशक्त बनाने के तहत यूथ एक्शंस फॉर क्लाइमेट करेक्शन के तहत एनर्जी एंड क्लाइमेट फेलोशिप प्रोग्राम और एनर्जी एंड क्लाइमेट मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किए हैं।

इन कार्यक्रमों के लांच के मौके पर एआईसीटीई अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम, एआईसीटीई सदस्य सचिव डॉ. राजीव कुमार, एआईसीटीई सलाहकार डॉ. ममता आर अग्रवाल, भारत के सोलर मैन व ईएसएफ संस्थापक और आईआईटी-बी प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी मौजूद रहे।

एनर्जी एंड क्लाइमेट फेलोशिप प्रोग्राम उन छात्रों को लक्षित करेगा जिन्होंने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है या अपने अध्ययन के अंतिम वर्ष में हैं। एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों से 10 उत्कृष्ट छात्रों को एनर्जी स्वराज फेलो के रूप में एक वर्ष के रूप में इस परिवर्तनकारी पहल के लिए चुना जाएगा। ये छात्र अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, फेलो व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त कर भारत भर के संस्थानों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, एनर्जी स्वराज फाउंडेशन द्वारा तैयार विभिन्न कार्यों और जागरूकता योजनाओं के माध्यम से जलवायु संकट से निपटने में ये सहायता करेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देना है। इच्छुक छात्र https://bit.ly/esf-aicte-fellowship  लिंक के माध्यम से फेलोशिप के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।  

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जबकि एनर्जी एंड क्लाइमेट मेंटरशिप प्रोग्राम को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के प्रयासों में एआईसीटीई से संबद्ध संस्थानों का समर्थन करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह कार्यक्रम एनर्जी स्वराज फेलो द्वारा सलाह प्रदान करेगा और 100 संस्थानों तक सीमित रहेगा। इस पहल के माध्यम से प्रत्येक भाग लेने वाले संस्थान को 15-20 दिनों की अवधि के लिए एक एनर्जी स्वराज फेलो सौंपा जाएगा, जो एनर्जी स्वराज फाउंडेशन द्वारा विकसित कार्रवाई और जागरूकता योजनाओं में उल्लिखित विभिन्न गतिविधियों को लागू करने में उनकी सहायता करेगा। संस्थान मेंटरशिप प्रोग्राम के लिए https://es-pal.org/mentorship-program पर जाकर रजिस्टर किया जा सकता है।

एआईसीटीई और ईएसएफ के इस संयुक्त प्रयास का उद्देश्य युवाओं की क्षमता का दोहन करना है, उनके भविष्य को आकार देने और जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का सामना करने में महत्वपूर्ण हितधारकों के रूप में आगे लाना है।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. टीजी सीताराम ने किया। उन्होंने शुरू की जा रही दोनों पहल के लिए अपना अटूट समर्थन व्यक्त किया और जलवायु परिवर्तन के बारे में लोगों को जागरूक करने और इसे कम करने के नेक काम की सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए सदस्य सचिव डॉ. राजीव कुमार ने जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए प्रो. सोलंकी के मिशन की प्रशंसा की और जागरूक ऊर्जा उपयोग के माध्यम से बिजली की खपत में 20% की कमी और अनावश्यक ऊर्जा व्यय से बचने की एआईसीटीई की उपलब्धि को रेखांकित किया।

इस मौके पर प्रोफेसर सोलंकी ने कहा , " यह दोनों कार्यक्रम जीवन के सभी पहलुओं में ऊर्जा की केंद्रीयता पर जोर देंगे। उन्होंने डार्क एनर्जी का उपयोग करने से संक्रमण की समस्या पर भी प्रकाश डाला। "
उन्होंने एआईसीटीई के समर्थन की सराहना की और अकादमिक संस्थानों को इस प्रक्रिया में प्रत्येक छात्र को शामिल करते हुए अपने स्वयं के परिसरों में इन सिद्धांतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जलवायु संकट का मुकाबला करने और उभरते दिमाग को एक स्थायी भविष्य की ओर निर्देशित करने की दृष्टि से, भारत जलवायु परिवर्तन को कम करने की कार्रवाई करने में 'जलवायु जागरूक और ऊर्जा के प्रति जागरूक वैश्विक नागरिक' का एक उदाहरण बन सकता है।

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