कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की छात्रों से बातचीत, सुझाए छात्रवृत्ति योजना से जुड़े फायदे

 
कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की छात्रों से बातचीत, सुझाए छात्रवृत्ति योजना से जुड़े फायदे

जम्मू कश्मीर के समुचित विकास के लिए महिलाओँ की भागीदारी आवश्यक, छात्राएं अपने ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास से यहाँ के विकास में योगदान दें: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

नई दिल्ली, बुधवार, 18 अगस्त

जम्मू और कश्मीर के महामहिम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने 18 अगस्त बुधवार को 'प्रगति योजना' के अंतर्गत चयनित छात्राओं एवं सक्षम योजना के अंतर्गत चयनित दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा कि ये दोनों छात्रवृत्ति योजनाएं पूरे भारत में छात्रों के बीच तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

राज्यपाल सिन्हा के मुताबिक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की प्रगति योजना कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में जम्मू व कश्मीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने आगे कहा कि "छात्र-छात्राओं को इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, थ्रीडी प्रिंटिंग की ट्रेनिंग देने की पहल की जा रही है."

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तकनीकी शिक्षा के जरिए हजारों छात्राओं ने प्रगति योजना का लाभ उठाया है

बता दें कि एआईसीटीई द्वारा संचालित प्रगति योजना हाल के वर्षों में छात्राओं की उन्नति के लिए सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की जाने वाली बहुप्रशंसित पहलों में से एक है. तकनीकी शिक्षा में भागीदारी कर हजारों छात्राओं ने प्रगति योजना का लाभ उठाया है, और हाल के वर्षों में जम्मू कश्मीर में छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की संख्या में काफी वृद्धि हुई है.

सिन्हा ने कहा कि "प्रगति योजना एआईसीटीई द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं की भागीदारी को आगे बढ़ाना है."

सिर्फ जम्मू एंड कश्मीर में 480 छात्रों को छात्रवृत्ति दी

वर्ष 2020-2021 के लिए, प्रगति योजना ने अकेले जम्मू और कश्मीर में 480 छात्रों को छात्रवृत्ति दी, जो पिछले चार वर्षों की तुलना में बहुत अधिक है. कार्यक्रम के दौरान माननीय उपराज्यपाल ने छात्रों के साथ बातचीत की, और उन्होंने भारत में तकनीकी शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए महत्वपूर्ण कदम और आवश्यकता के बारे में भी बात की.

उन्होंने प्रगति योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली सभी छात्राओं को भी बधाई दी और कहा कि आने वाले वर्षों में राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की बहुत आवश्यकता है.

कश्मीर में मेधा की कमी नहीं, निखारने की जरुरत

उपराज्यपाल ने कहा, “एआईसीटीई का 75 वर्षों का समृद्ध इतिहास रहा है. आने वाला 25 वर्षों का संकल्प भी तय करने का समय आ गया है. जम्मू कश्मीर में मेधा की कोई कमी नहीं है. उन्हें निखारने की आवश्यकता है. जम्मू कश्मीर के समुचित विकास के लिए आवश्यक है कि हमारी बच्चियाँ अपने ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास से यहाँ के विकास में योगदान दें. अखिल भारतीय शिक्षा परिषद का ये कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”

टेक्नोलॉजी के माध्यम से युवा बनेंगे प्रोफेशनल

उपराज्यपाल ने आगे जोड़ा कि , “टाटा टेक्नोलॉजी की मदद से पिछले एक वर्ष में जम्मू और बारामुला में सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन की स्थापना की गई है. आने वाले दिनों में 14 ऐसे केंद्र हम और बनाने जा रहे हैं. स्किल डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ का प्रावधान सरकार ने किया है. आज उद्योग जगत की माँग पूरा करने के लिए छात्र-छात्राओं को इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग की ट्रेनिंग देने की पहल की जा रही है. इन प्रयासों से कुशल युवा प्रोफेशनल तैयार होंगे."

उन्होंने सक्षम छात्रवृत्ति का हिस्सा रहे छात्रों को भी बधाई दी और उनसे अपने जीवन को हर तरह से विशेष बनाने का आग्रह किया.

'पहल से अधिक छात्राओं को तकनीकी रूप से आगे लाया जा सकता है'

'प्रगति योजना’ के बारे में बात करते समय एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, "इस कार्यक्रम में माननीय उपराज्यपाल की उपस्थिति हमारे लिए सौभाग्य की बात है. हमें उम्मीद है कि उनके शब्द उन छात्रों को अतिरिक्त प्रेरणा देंगे जो इस छात्रवृत्ति योजना का हिस्सा हैं. एआईसीटीई का मानना है कि इस तरह के पहल से अधिक छात्राओं को तकनीकी रूप से आगे लाया जा सकता है,"

उपराज्यपाल सके शब्द देंगे छात्रों को अंतर्दृष्टि

एआईसीटीई के उपाध्यक्ष एमपी पूनिया ने कहा, "हमें इस आयोजन में माननीय उपराज्यपाल के आने की खुशी है. उनके शब्द इन छात्रों को नई अंतर्दृष्टि देंगे, और उनके पास तकनीकी करियर बनाने के लिए अतिरिक्त प्रेरणा होगी. मुझे यकीन है कि इस तरह की योजनाएं छात्राओं को अपने करियर को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं."

सक्षम छात्रवृत्ति समय की आवश्यकता है: सदस्य सचिव राजीव कुमार

" प्रगति योजना तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है. मुझे यकीन है कि माननीय उपराज्यपाल के शब्द इन छात्राओं के लक्ष्यों को उत्प्रेरित करेंगे, और वे भविष्य में तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें अतिरिक्त आत्मविश्वास मिलेगा. सक्षम छात्रवृत्ति समय की आवश्यकता है, क्योंकि यह विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने में मदद करेगी "एआईसीटीई के सदस्य सचिव राजीव कुमार ने कहा.

केंद्र शासित प्रदेशों में बदल गई हैं चीजें

एआईसीटीई में प्रगति योजना संचालित करने के लिए छात्र विकास प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. अमित श्रीवास्तव ने कहा, "प्रगति योजना भारत में छात्राओं को सशक्त बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. पहले, जम्मू-कश्मीर जैसे केंद्र शासित प्रदेशों से छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली लड़कियों की संख्या बहुत कम थी. लेकिन अब, चीजें बदल गईं हैं, और जम्मू-कश्मीर की कई छात्राएं अपने करियर को सफलता की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए इस छात्रवृत्ति योजना का उपयोग कर रही हैं."

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