पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने IIT, NIT, IISc के निदेशक के साथ की बातचीत, नए सुधारों पर की चर्चा

 
पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने IIT, NIT, IISc के निदेशक के साथ की बातचीत, नए सुधारों पर की चर्चा

केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद धर्मेन्द्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) को नया शिक्षा मंत्री बनाया गया. बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने (Narendra Modi) प्रधान और तीन राज्य मंत्री सुभाष सरकार, अन्नपूर्णा देवी और राजकुमार रंजन सिंह के साथ केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों (Centrally Funded Technical Institutes) के निदेशकों के साथ बातचीत की.

नया कार्यभार संभालते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ एक बड़ी छलांग लगाई है.

दूसरी ओर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बदलते परिवेश और उभरती चुनौतियों के लिए उच्च और तकनीकी शिक्षा को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

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प्रमुख संस्थानों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए की बातचीत

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीएम मोदी ने चार प्रीमियम संस्थानों, आईआईएससी बैंगलोर (IISC Bangalore), आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay), आईआईटी मद्रास (IIT Madras) और आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) जैसे 100 प्रमुख संस्थानों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की.

भारतीय शिक्षा प्रणाली को लेकर किया ट्वीट

राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय शिक्षा प्रणाली के भविष्य पर नए शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि "#NEP की शुरुआत के साथ, भारत में शिक्षा प्रणाली ने भविष्य में 21वीं सदी के भारत के लिए पर्यावरण को बढ़ावा देने में एक बड़ी छलांग लगाई है. हम भारत को एक समान ज्ञान वाले समाज की ओर ले जाने में छात्रों और युवाओं को प्राथमिक हितधारक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

उन्होंने आगे कहा कि "केंद्र सरकार नवाचार की संस्कृति को विकसित करने, अनुसंधान, उद्यमिता, ऊष्मायन केंद्रों को प्रोत्साहित करने और एक आत्मानिर्भर भारत के लिए उच्च शिक्षा में भविष्य के समाधान विकसित करने के लिए एक अग्रगामी दृष्टिकोण के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है."

इस अवसर पर पीएम मोदी ने भी ट्विटर के जरिए अपनी बात कही. पीएम ने लिखा, "प्रमुख IIT और IISc बैंगलोर के निदेशकों के साथ एक समृद्ध बातचीत हुई, जिसके दौरान हमने भारत को अनुसंधान एवं विकास का केंद्र बनाने, नवाचार और युवाओं के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने सहित कई विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया."

मोदी ने आगे कहा कि "गुणवत्ता, सस्ती और मूल्य-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा क्षेत्र को दीर्घकालिक सामाजिक निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए."

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