पीएम मोदी ने किया पहले इंडिया टॉय फेयर 2021 का उद्घाटन, कही ये बड़ी बात

 
पीएम मोदी ने किया पहले इंडिया टॉय फेयर 2021 का उद्घाटन, कही ये बड़ी बात

India Toy Fair 2021: भारत में पहले इंडिया टॉय फेयर का शुभारंभ हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए टॉय फेयर का उद्घाटन किया है. आत्मनिर्भर भारत को बढावा देने के मकसद से फेयर का शुभारंभ हुआ है. वोकल फॉर लोकल के तहत देश को खिलौना निर्माण का वैश्विक हब बनाने के मकसद से शिक्षा मन्त्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कपड़ा मन्त्रालय मिलकर इसका आयोजन करवा रहे हैं. भारत खिलौना मेला में अभी तक 10 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं

भारत खिलौना मेला 2021 के शुभारम्भ होने पर पीएम मोदी ने कहा, "आप सभी से बात करके ये पता चलता है कि हमारे देश के खिलौना उद्योग में कितनी बड़ी ताकत छिपी हुई है. इस ताकत को बढ़ाना, इसकी पहचान बढ़ाना,आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पहला खिलौना मेला केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है. यह कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है.

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प्राचीन सभ्यताओं का पीएम मोदी ने किया ज़िक्र

सिंधुघाटी सभ्यता, मोहनजो-दारो और हड़प्पा के दौर का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि खिलौनों पर पूरी दुनिया ने रिसर्च की है. प्राचीन काल में दुनिया के यात्री जब भारत आते थे, तो भारत में खेलों को सीखते भी थे और अपने साथ लेकर भी जाते थे.

धर्मग्रंथों में भी मिलता है खिलौनों का वर्णन: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक आज जो शतरंज खेल दुनिया में इतना लोकप्रिय है, वो पहले ‘चतुरंग या चादुरंगा’ के रूप में भारत में खेला जाता था. आधुनिक लूडो तब ‘पच्चीसी’ के रुप में खेला जाता था. हमारे धर्मग्रन्थों में भी बाल राम के लिए न जाने कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है.

बच्चों के विकास में योगदान देते हैं भारतीय खिलौने

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारतीय जीवनशैली हमारे खिलौनों में भी दिखता है. ज्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक और इको फ्रेंडली चीजों से बनते हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं. पीएम मोदी के मुताबिक हमारे यहां खिलौने ऐसे बनाए जाते थे, जो बच्चों के चौतरफ़ा विकास में योगदान दें. आज भी भारतीय खिलौने आधुनिका फैंसी खिलौनों की तुलना में कहीं सरल और सस्ते होते हैं.

कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर की इस कविता का मोदी ने किया ज़िक्र

अपने संबोधन में मोदी ने महान कवि गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की उस कविता का ज़िक्र किया जिसमें बताया गया है कि कैसे खिलौने बच्चों की जिन्दगी में खुशियों के नये रंग बिखेरते हैं. टैगोर ने कविता में कहा है- ''एक खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है. खिलौना का एक-एक रंग बच्चे के जीवन में कितने ही रंग बिखेरता है''

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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्ले-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षा को बड़े पैमाने पर शामिल किया गया है. ये ऐसी शिक्षा व्यवस्था है, जिसमें बच्चों में पहेलियों और खेलों के माध्यम से तार्किक और रचनात्मक सोच बढ़े. पीएम ने कहा कि देश ने खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में दर्जा दिया है. नेशनल टॉय एक्शन प्लान भी तैयार किया गया है. इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि ये उद्योग प्रतिस्पर्धी बने, देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बनें और भारत के खिलौने दुनिया में जाएं.

बता दें कि खिलौना मेला 2021 27 फरवरी से 2 मार्च, 2021 तक आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य सभी व्यापारियों, विक्रेताओं, छात्रों, शिक्षकों, डिजाइनरों इत्यादि को एक साथ लाना है, ताकि एक स्थायी मंच बनाया जा सके

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