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Renu Raj Success Story: IAS बनने के लिए छोड़ी डॉक्टरी, जानें कौन है रेनू राज और क्यों बनी आईएएस ऑफिसर?

 

IAS Renu Raj Success Story: इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा है. यही कारण है कि हर साल केवल कुछ सौ लोग ही यूपीएससी की इस सिविल सेवा परीक्षा को पास कर पाते हैं.

लेकिन आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत आईएएस ऑफिसर रेणु राज (IAS Officer Renu Raj) के बारे में बताएंगे, जो केरल के कोट्टायम की रहने वाली हैं और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की इस परीक्षा को क्रैक कर दिखाया था और साथ ही उन्होंने 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी रैंक भी हासिल की थी.

कौन है IAS Renu Raj

डॉ. रेनू राज केरल राज्य के अलाप्पुझा की जिला कलेक्टर (District Collector) हैं. उन्होंने डॉक्टरी करते हुए यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी शुरू कर दी थी. कुछ ही महीनों की तैयारी में उन्होंने अपने पहले अटेंप्ट में सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Services Exam) पास भी कर ली थी. डॉ. रेनू राज का नाम देश के सबसे कुशल आईएएस ऑफिसर्स की लिस्ट में लिया जाता है.

Dr. Renu Raj IAS Education:

डॉ. रेनू राज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केरल के कोट्टायम में स्थित सेंट टेरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से हासिल की है. स्कूली पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने कोट्टायम के ही गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (Government Medical College) से मेडिकल की पढ़ाई की. डॉक्टर बनने के बाद साल 2013 में उन्होंने डॉक्टरी के साथ ही यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी शुरू कर दी थी.

बता दें कि डॉ. रेनू राज साल 2014 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) में शामिल हुई थीं. इस परीक्षा के अपने पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने दूसरी रैंक हासिल की थी. रेनू के पिता सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं और मां हाउस वाइफ हैं. रेनू की दोनों बहनें और उनके पति भी पेशे से डॉक्टर हैं (Dr. Renu Raj IAS Family). उन्होंने बचपन में ही आईएएस ऑफिसर बनने का सपना देख लिया था.

इसलिए किया आईएएस बनने का फैैसला

रेणु राज ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि आईएएस अधिकारी बनना उनका बचपन का सपना था. जब वह एक सर्जन के रूप में काम कर रही थीं, तब उन्हें एहसास हुआ कि वह आम लोगों के लिए कुछ करना चाहती हैं और उनके जीवन को बेहतर बनाना चाहती हैं और तब उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया.

रेणु राज ने एक बार कहा "मैंने सोचा था कि एक डॉक्टर होने के नाते, मैं 50 या 100 रोगियों की मदद कर सकती था, लेकिन एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में, मेरे एक निर्णय से हजारों लोगों को लाभ होगा. इसके बाद ही मैंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया था."

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