{"vars":{"id": "109282:4689"}}

UGC ने जारी की नई गाइडलाइन! अब लोग नौकरी के साथ कर सकेंगे 'पार्ट टाइम PHD', जानें फुल डिटेल

 

पीएचडी करने की सोच रहे लोगों के लिए आज एक अच्छी खबर है, क्योंकि अब नए नियम के मुताबिक आप नौकरी करने के साथ ही पार्ट टाइम पीएचडी भी कर सकते हैं, जबकि पहले एप्लॉय को शोध करने के लिए अपने विभाग से अध्ययन अवकाश लेना पड़ता था. साथ ही अब आपको पीएचडी करने के लिए एडमिशन की डेट से अधिकतम छह साल का समय ही दिया जाएगा. 

दरअसल, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने आज यानि रविवार को पीएचडी का कोर्स करने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है. नए नियमों के बारे में जानकारी देते हुए यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया है कि अगर कोई पीएचडी रिसर्चर रीरजिस्ट्रेशन कराता है तो ज्यादा से ज्यादा दो साल का अतिरिक्त समय दिया जाएगा. बशर्ते कि पीएचडी कार्यक्रम पूरा करने की कुल अवधि पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश की तिथि से आठ वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए.

ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग से नहीं होगी PHD

फिर वह कहते हैं कि महिला पीएचडी शोधार्थियों और दिव्यांग को दो वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जा सकती है. नए नियमों में यह भी बताया गया है कि ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग से पीएचडी नहीं की जा सकती है. अब पीएचडी के नए नियमों में रिसर्च की प्रक्रिया के दौरान छूट दी गई है. अब दो रिसर्च पेपर छपवाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, जबकि पहले थीसिस जमा कराने से पहले शोधार्थी को कम से कम दो शोधपत्र संदर्भित शोध पत्रिकाओं में छपवाना पड़ता था.

अच्छे स्टूडेंट्सों को मिलेगा अवसर

आपको बता दें कि यूजीसी चेयरमैन का मानना है इन नियमों में बदलाव करने से पढ़ाई में अच्छे स्टूडेंट्स कम उम्र में पीएचडी कोर्सेज में प्रवेश कर सकेंगे. वहीं ऐसे शिक्षक जिनकी रिटायरमेंट उम्र सीमा तीन वर्ष से कम बची है, उन्हें अपने पर्यवेक्षण में नए शोधार्थियों को लेने की अनुमति नहीं होगी.

ये भी पढ़ें: ओनजीसी दे रहा 2 लाख रूपये महीना वेतन, जानें कैसे करें आवेदन और क्या है योग्यता