जब मनोज तिवारी का छलका दर्द, कहा- 3 सालों तक बनाईं थीं रोटियां

 
जब मनोज तिवारी का छलका दर्द, कहा- 3 सालों तक बनाईं थीं रोटियां

भोजपुरी फिल्मों में गायिकी से लेकर अभिनय और राजनीति तक पहुंचकर अपने पैर जमाने में मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने कई उतार चढ़ाव देखें.

बात करें उनके फिल्मी जीवन की तो उन्होंने साल 2004 में 'ससुरा बड़ा पईसावाला' से भोजपुरी फिल्मों में डेब्यू किया था. मनोज की पहली ही फिल्म सुपरहिट रही और ऐसे में उन्हे एक नई पहचान मिल गई.

बता दें कि गायन और अभिनय में जड़ें जमा लेने के बाद मनोज तिवारी राजनीति में भी उतरे. साल 2009 में उन्होंने सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा.

जब मनोज तिवारी का छलका दर्द, कहा- 3 सालों तक बनाईं थीं रोटियां

चुनाव में वो वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर से लड़े और हार गए थे. इसके बाद साल 2013 में मनोज भाजपा में शामिल हो गए थे.

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हालांकि जीवन में उतार- चढ़ाव देखने का किस्सा मनोज ने एक चैनल के दौरान शेयर किया. उन्होंने बताया कि वह रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आए थे और यहां वह आश्रम में रोटी भी बनाया करते थे.

इसके साथ ही इंटरव्यू में मनोज तिवारी ने कहा, “1992 से लेकर 2003 तक मैं दिल्ली में ही रहा हूं. मैं अपनी रोजी-रोटी की तलाश में यहां पर आया था. यहां टी-सीरीज का एक स्टूडियो है, जहां गुलशन कुमार जी ने मुझे मौका दिया.

जब मनोज तिवारी का छलका दर्द, कहा- 3 सालों तक बनाईं थीं रोटियां

लोधी रोड पर बरसाती में मैं करीब 3 साल तक रहा था. यहां यमुना बाजार के पास एक आश्रम है, वहां मैंने रोटी बनाई दूसरों के लिए.

मनोज तिवारी ने अपने इंटरव्यू में आगे कहा, “मैं दिल्ली को बहुत ही अच्छे से जानता हूं और दिल्ली में भी कई ऐसे लोग हैं जो मुझे बहुत प्यार करते हैं.

गौरतलब है कि मनोज तिवारी भोजपुरी फिल्मों में 'रिंकिया के पापा' के नाम से पहचाने जाते हैं. मनोज तिवारी ने साल 1999 में रानी तिवारी से शादी की थी.

लेकिन दोनों की शादी साल 2012 में टूट गई. तलाक के बाद मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो अपनी पत्नी से कभी भी तलाक नहीं लेना नहीं चाहते थे. उन्होंने पत्नी के दबाव में आकर ही तलाक के कागजात पर साइन किया था.

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