जब शाहरुख खान के पिता मानसिंह जैसे गद्दार का रोल निभाने से मना कर दिए थे, आजादी की लड़ाई में भी दे चुके हैं अपना योगदान

 
जब शाहरुख खान के पिता मानसिंह जैसे गद्दार का रोल निभाने से मना कर दिए थे, आजादी की लड़ाई में भी दे चुके हैं अपना योगदान

वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी लिखते हैं कि जब उनके बाप चाय बेच रहे थे तब पठान मीर ताज मोहम्मद खान आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे। 47 में देश का विभाजन हुआ तो ताज मोहम्मद ने फैसला किया कि वह हिंदुस्तान में ही रहेंगे। एक पठान भला अपने उस देश को कैसे छोड़ता, जिसके लिए वह लड़ाई में कूदा ? ताज मोहम्मद हिन्दुस्तान आ गए।

ताज मोहम्मद की एक खासियत थी उनकी पत्नी हैदराबाद से थी उनकी अपनी अम्मा कश्मीरी थी और वह खुद पेशावर से थे। ताज मोहम्मद ने बच्चों को सिखाया कि याद रखना पूरा हिन्दुस्तान तुम्हारा है।

आजादी की लड़ाई में ताज मोहम्मद दो बार जेल भी हो आये फाकाकशी भी करी। आजादी की जंग में शिरकत का मौका आया तो किसी जे कहा खादी पहन लो, ताज मोहम्मद ने कहा खादी मुझ पर न फबेगी, कपड़ों से नही दिल से देशभक्त हूँ। एक बार दिल्ली में बच्चे आग की लपटों में फंस गए तो ताज मोहम्मद आग में कूद पड़े और बच्चों को बचा लाये।

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आठ से ज्यादा भाषा बोलने वाले ताज मोहम्मद से के आसिफ ने कहा मुगल ए आजम में मानसिंह का रोल कर लो। उन्होंने तड़ाक से ना बोल दिया सिनेमा मतलब नौटंकी। शाहरुख खान उसी ताज मोहम्मद खान का बेटा है और उनका बेटा आर्यन खान जिसके जेल जाने का देश में राजनीतिकरण किया जा रहा है उसकी मां एक आर्मी आफिसर की बेटी है।

https://youtu.be/w3koU6SFGoE

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