10 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन का पढ़ाई के लिए करते है इस्तेमाल जबकि 59% करते है चैटिंग: स्टडी रिपोर्ट
अक्सर बच्चे ज़्यादा स्मार्टफोन चलाने पर परिजनों को पढ़ाई के लिए इस्तेमाल का बहाना बनाते है लेकिन सच्चाई इससे इतर कुछ और ही बयां कर रही है. दरअसल, बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली सर्वोच्च संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एक स्टडी में खुलासा किया है कि 59.2 प्रतिशत बच्चे अपने स्मार्टफोन का उपयोग इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन के लिए करते हैं. साथ ही इस स्टडी से पता चलता है कि केवल 10.1 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन सीखने और शिक्षा के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करना पसंद करते हैं.
बच्चों की ओर से मोबाइल फोन और दूसरे इंटरनेट युक्त डिवाइसेज के इस्तेमाल से बच्चों पर होने वाले असर को जानने के लिए की गई स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि 30.2 फीसदी बच्चों के पास अपना अलग स्मार्टफोन है. रिपोर्ट में कहा गया है. यह नोट करना भी दिलचस्प है कि 8 से 18 साल की उम्र के 30.2 फीसदी बच्चों के पास अपना अलग स्मार्टफोन है और वे उसका इस्तेमाल सभी उद्देश्यों के लिए करते हैं.
13 साल से अधिक उम्र के बच्चों के पास अपना स्मार्टफोन
हैरानी की बात यह है कि 10 साल की उम्र के 37.8 फीसदी बच्चों का फेसबुक अकाउंट है, जबकि इसी उम्र के 24.3 फीसदी का इंस्टाग्राम अकाउंट है. 13 साल से अधिक उम्र के बच्चों के पास अलग स्मार्टफोन तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि, लैपटॉप और टैबलेट्स इस्तेमाल करने वाले बच्चों की संख्या स्थिर है. स्टडी में कहा गया है कि इससे पता चलता है कि अभिभावक बच्चों को लैपटॉप की जगह अलग स्मार्टफोन देना अधिक पसंद करते हैं.
फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों के दिमाग पर पड़ा रहा असर
बच्चे रात में सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करने लगे हैं, ऐसे में उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. नींद न आने से बच्चों को चिंता और थकान भी ज्यादा हो रही है. स्मार्टफोन के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ने लगा है. वहीं, बच्चे अब शारीरिक एक्टिवि भी नहीं कर रहे हैं.
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