कासगंज: 96 वर्षीय दादी को देखकर टीका लगवाने पहुंचे ग्रामीण, पहले कर रहे थे इंकार
दुनियाभर की तमाम सरकारें वैक्सीनेशन को एकमात्र हथियार बनाकर जंग लड़ रही है हालांकि तमाम सरकारों के लिए ये प्रक्रिया कई क्षेत्रों में टेढ़ी ऊँगली से घी निकालने के समान साबित हो रही है. वैक्सीन के प्रति तमाम भ्रांतियों के बीच कई ग्रामीण इलाकों में स्थानीय नागरिक वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे है वहीं इस बीच उत्तर प्रदेश का एक ऐसा भी गाँव है जहां 96 वर्षीय एक बुज़ुर्ग महिला प्रशासन के लिए वरदान की तरह आईं है.
बतादें कासगंज के गांव खड़ेरी में चल रहे कोरोना टीकाकरण के दौरान एक दादी सबके लिए मिसाल व ब्रांड एम्बेस्डर बनकर सामने आई हैं. जब तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद गांव के लोग टीकाकरण के लिए राजी नहीं हुए तो उस वक्त 96 साल की दादी आधार कुमारी ने सबसे पहले खुद को टीका लगवाया. टीका लगवाकर दादी ने गांव के सभी को कुछ इस तरह समझाया कि लोग टीकाकरण के लिए अब राजी हो गए.
बुज़ुर्ग दादी ने की टीकाकरण पहल
कासगंज के तहसीलदार अजय कुमार ने बताया कि मंगलवार को वह टीकाकरण करने वाली एक टीम के साथ दतलाना पंचायत के ग्राम नगला खड़ेरी में पहुंचे हुए थे. टीकाकरण टीम को देखकर गांव के लोग अपने घरों को छोड़कर छुपने के लिए पेड़ों के पीछे और खेतों की ओर भागने लगे. वहां उपस्थित अधिकारियों और स्वास्थय कर्मियों ने गांव वालों को थोड़ा भरोसे में लेकर जैसे-तैसे अपने पास बुलाया और टीका लगवाने के लिए काफी समझाने का प्रयास किया. लेकिन तमाम मान मनौव्वल के बावजूद भी गांव के लोग टीकाकरण के लिए राजी नहीं हुए.
तब एक 96 साल उम्र की दादी जिनका नाम आधार कुमारी पत्नी सोनपाल है, ने आगे आकर सबसे पहले टीका लगवाया. बाद में दादी की अपील पर एक के बाद एक गांव के अन्य लोगों ने भी टीका लगवाना शुरू कर दिया.
टीका लगवाकर बोलीं- देखो क्या मुझे कुछ हुआ?
अन्य अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों ने यह भी बताया कि जब दादी ने टीकाकरण को लेकर गांव वालों को प्यार से यह समझाया कि देखो मैं कितनी बूढ़ी हूं. मैंने भी तो टीका लगवाया है. क्या मुझे कुछ हुआ? मैं पहले की तरह ही स्वस्थ हूं इसलिए आप सभी गांव के लोग अपने अन्दर पल रही अफवाहों और भ्रांतियों को मिटाकर अपने जीवन की रक्षा के बारे में सोचते हुए टीकाकरण तत्काल कराएं. दादी की इस अपील के बाद गांव के सभी लोग टीकाकरण कराने के लिए राज़ी हो गए.
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