आखिर WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस अदनोम घेबियस ने क्यों PM Modi के सामने कहा- 'केम छो....मजामा'

 
आखिर WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस अदनोम घेबियस ने क्यों PM Modi के सामने कहा- 'केम छो....मजामा'
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ( Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने मंगलवार को अपनी गुजराती के साथ जामनगर में डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के उद्घाटन समारोह में सभी का दिल जीत लिया. घेब्रेयसस ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, 'केम छो....मजामा' वह भी सभी की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी मंच पर मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डब्ल्यूएचओ के निदेशक घेब्रेयसस और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार की उपस्थिति में जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखी. https://twitter.com/ANI/status/1516376527491198981?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1516376527491198981%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fd-17139308843484832542.ampproject.net%2F2203172113000%2Fframe.html समारोह के दौरान जनता को संबोधित करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा, "मेरा भारत से विशेष संबंध है. मैंने भारत से पारंपरिक दवाओं के बारे में सीखा, मैं अपने शिक्षकों का बहुत आभारी हूं." उन्होंने आगे कहा, "मैं भी बॉलीवुड फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ हूं और मैं समझता हूं कि स्विस आल्प्स बॉलीवुड प्रशंसकों के लिए एक पसंदीदा जगह है. पीएम नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के पीएम प्रविंद कुमार जगन्नाथ, सीएम भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया. WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (GCTM) दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र होगा. यह ग्लोबल वेलनेस के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरेगा. इसके बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत इस केंद्र को पूरी मानवता की सेवा के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में ले रहा है. यह केंद्र पारंपरिक दवाओं के समर्थन से दुनिया को बेहतर चिकित्सा समाधान प्रदान करने में मदद करेगा." पीएम मोदी ने कहा, "यह सिर्फ एक संस्थान का उद्घाटन नहीं है, यह भारत के 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के चरम पर, अगले 25 वर्षों के लिए दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा युग की शुरुआत है. जब भारत 'आजादी की शताब्दी' मनाएगा, तो इस केंद्र का बहुत महत्व होगा." डब्ल्यूएचओ के निदेशक ने कहा, "यह वास्तव में एक वैश्विक परियोजना है ... इसका मतलब है कि भारत दुनिया में जाएगा और पूरी दुनिया भारत आएगी. “डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन जिसे हम लॉन्च कर रहे हैं, वह साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को मजबूत करने के लिए विज्ञान की शक्ति का उपयोग करने में मदद करेगा. मैं इस महत्वपूर्ण पहल का समर्थन करने में उनके नेतृत्व के लिए पीएम मोदी और भारत सरकार का आभारी हूं."

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