लड़ाई के बाद लिखा समझौतानामा, अब हम तीनों देवमाता गायत्री देवी की शरण में चले जाएंगे

 
लड़ाई के बाद लिखा समझौतानामा, अब हम तीनों देवमाता गायत्री देवी की शरण में चले जाएंगे

Meerut: मेरठ के नौचंदी थाने में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें लड़ाई के बाद ऐसा समझौतानामा लिखा गया है जिसे किसी व्यक्ति ने न तो कभी पढ़ा होगा और न ही सुना होगा. समझौतानामे में लिखा है कि मां गायत्री की एक माला (108 मनके) का जाप नियमित रूप से करेंगे. सामान्य परिस्थतियों में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पूर्ण श्रद्धा और सनातन हिन्दू धर्म के संस्कारों के अनुरूप आज से और अभी से अपना जीवन आगे बढ़ाएंगे. आइए आगे बताते हैं और क्या लिखा है...

समझौते पत्र में लिखा है कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष शाक संवत...विक्रम सम्वत 2066 को हम तीनों लोगों के बीच एक सहमति बनी है. अब हम तीनों देवमाता गायत्री देवी की शरण में चले जाएंगे. मां गायत्री की एक माला (108 मनके) का नियमित रूप से जाप करेंगे.

इसके साथ ही सामान्य परिस्थतियों में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पूर्ण श्रद्धा और सनातन हिन्दू धर्म के संस्कारों के अनुरूप आज से और अभी से अपना जीवन आगे बढ़ाएंगे. आपको बता दें कि यह किसी के द्वारा दिया गया संकल्प पत्र नहीं है, बल्कि यह एक समझौता पत्र है.

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यह है पूरा मामला

दरअसल, शास्त्रीनगर निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति ने दो माह पूर्व गाजियाबाद की तलाकशुदा महिला से मंदिर में फेरे लिए थे. महिला अपने 19 वर्षीय बेटे के साथ वृद्ध संग एक गृहणी के रूप में रह रही है. शादी के कुछ समय बाद से वृद्ध का आरोप है कि मां-बेटा उसकी पिटाई करते हैं. साथ ही उनकी संपत्ति हड़पना चाहते हैं. इस मामले की शिकायत लेकर वह नौचंदी थाने पर पहुंचे. वृद्ध के बताया कि इंस्पेक्टर ने कार्रवाई की बजाय दोनों पक्षों से इस तरह का समझौतानामा लिखवा लिया है. पीड़ित का कहना है कि इस मामले को लेकर वह पुलिस के आला अफसरों से मिलेंगे.

वहीं इस संबंध में इंस्पेक्टर थाना नौचंदी, प्रेमचंद शर्मा का कहना है कि वृद्ध की तहरीर पर महिला व उसके बेटे के विरुद्ध मारपीट का केस दर्ज किया गया था, लेकिन कुछ घंटे बाद दोनों पक्ष समझौतानामा लेकर आ गए. उसमें उन्होंने क्या लिखा, इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है.

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