PFI पर लगे बैन को लेकर तमाम नेताओं की आई प्रतिक्रिया,गृहमंत्रालय ने लगाया है 5 साल का प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैर-कानूनी संगठन घोषित करते हुए इसे पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है.बता दें कि PFI को प्रतिबंधित करने की मांग कई राज्यों ने की थी. हाल ही में NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं.
इन संगठनों पर भी लगा बैन
PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.
15 राज्यों में एक्टिव है PFI
पीएफआई अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है.
तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया आई सामने
पीएफआई के बैन पर तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन को शेयर करते हुए लिखा, बाय-बाय पीएफआई. वहीं, बीजेपी महासचिव अरुण सिंह ने पीएफआई बैन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, PFI कई घटनाओं में शामिल था. ठीक हुआ बैन कर दिया गया. देश को तोड़ने का काम कर रही थी PFI.
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा, पीएफआई जैसी राष्ट्र विरोधी शक्तियों को समाप्त करने के लिए उठाए गए कदम का विश्व हिंदू परिषद स्वागत करती है और आशा करती है की उनके सहयोगी भी इस घटना से सबक लेंगे. अब यह भी सुनिश्चित करना होगा की जिस प्रकार सिम्मी से पीएफआई बना, कोई और ना खड़ा हो जाए.
बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. पीएफआई के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई.
PFI को बैन करने के मुख्य कारण
- राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप.
- इंटरनेशनल टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड इराक से कनेक्शन.
- देश में भिन्न विचार रखने वाले लोगों और संस्थाओं के खिलाफ हिंसात्मक रवैया.
- आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और आतंकी संगठनों के लिए फंड इकट्ठा करना.
- देश की संवैधानिक शक्तियों को चुनौती देना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करना.
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