रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे अमित शाह? जानिए उनका प्लान
नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में अक्सर यह सवाल उठता है कि नेताओं की रिटायरमेंट उम्र क्या होनी चाहिए, लेकिन अभी तक संविधान में नेताओं के लिए कोई अधिकतम उम्र तय नहीं की गई है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भविष्य की योजना का खुलासा किया है और बताया है कि वे रिटायरमेंट के बाद क्या करना चाहते हैं।
प्राकृतिक खेती बनेगी जीवन का हिस्सा
अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि जब वह सक्रिय राजनीति से संन्यास लेंगे, तब वह अपना समय वेद और उपनिषद पढ़ने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को समर्पित करेंगे। उन्होंने बताया कि यह खेती एक वैज्ञानिक पद्धति है, जिससे स्वास्थ्य और उपज दोनों में लाभ होता है।
रासायनिक खाद से होने वाले खतरे भी गिनाए
अमित शाह ने बताया कि रासायनिक खाद का उपयोग करने से पैदा हुआ अनाज खाने से कैंसर, ब्लड प्रेशर और थायरॉइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बिना उर्वरक वाले खाद्यान्न का सेवन ही बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है। उन्होंने कहा कि अगर हम शुद्ध भोजन करें तो दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
स्वयं की खेती में भी अपनाई प्राकृतिक विधि
शाह ने बताया कि उन्होंने अपनी कृषि भूमि पर प्राकृतिक खेती अपनाई है और उसका परिणाम यह रहा कि अनाज की पैदावार करीब डेढ़ गुना बढ़ गई है। राजनीतिक व्यस्तता के बावजूद वे समय निकालकर खेती में रुचि लेते हैं।
युवाओं को दिया हेल्दी लाइफस्टाइल का मंत्र
कार्यक्रम में मौजूद युवाओं को संदेश देते हुए अमित शाह ने सलाह दी कि वे हर दिन दो घंटे शारीरिक व्यायाम और कम से कम छह घंटे की नींद लें। उन्होंने कहा कि युवाओं के पास आने वाले 40-50 वर्षों में देश को आगे बढ़ाने का सुनहरा मौका है और इसके लिए उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है।