क्या कुछ समाचार माध्यमों ने अनंत अंबानी के वनतारा पर लिखी आलोचनात्मक रिपोर्ट्स हटा दीं?
मार्च 2025 में दक्षिण अफ्रीका की एक वन्यजीव कल्याण संस्था WAPFSA ने वन्यजीवों के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण संबंधी चिंताओं को लेकर, भारत में अनंत अंबानी के नेतृत्व में जमनगर में स्थापित वनतारा केंद्र (Vantara) की जांच की मांग की। इस खबर को कई समाचार माध्यमों—Deccan Herald, The Telegraph और The Tribune सहित—ने रिपोर्ट किया।
लेकिन केवल कुछ दिनों बाद ही ये माध्यम अपने-अपने लेख वेबसाइट से हटा देते नजर आए। अब पाठकों को संबंधित लिंक पर “404 पेज नहीं मिला” संदेश दिखाई देता है।
कुछ समाचार संस्थाओं ने बताया कि उन्हें धमकी भरे ईमेल और कानूनी नोटिस प्राप्त हुए थे, जिन्होंने उन्हें रिपोर्ट हटाने या बदलने का दबाव डाला। खासकर, Northeast Now ने बताया कि उसे पीआर एजेंसियों की ओर से पैसे देकर सकारात्मक सामग्री प्रकाशित कराने का प्रस्ताव आया। फिर भी, उसने अपना रुख नहीं बदला। इसी प्रकार, Down To Earth को भी एक ईमेल और बाद में ₹1,000 करोड़ के मानहानि के नोटिस के माध्यम से रिपोर्ट हटाने की मांग की गई।
वहीं, अन्य माध्यमों—Deccan Herald, The Telegraph, The Tribune—ने बिना किसी स्पष्ट वजह बताए ही अपनी रिपोर्ट हटा दी। एक पत्रकार ने बताया कि जब कभी कानूनन कार्रवाई का संकेत मिलता है, तो कई समाचार माध्यम पहले से ही डरकर पीछे हट जाते हैं—यह आत्म-सेंसरशिप का एक खतरनाक उदाहरण है।
इसी बीच, Himal Southasian ने वनतारा पर गहराई से सवाल उठाया था, लेकिन एक अदालत ने उनके खिलाफ तोहमत हटाने का केस खारिज कर दिया, प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए।