Asaram Bapu: साल 2013 में आसाराम और नारायण साईं की गिरफ्तारी के बाद उनकी बेटी भारतीश्री ने बापू के साम्राज्य पर अपनी पकड़ बनाई. एक समय था, जब आसाराम के आश्रम में चौबीसों घंटे भीड़ लगी रहती थी. लोग दूर-दूर से आश्रम पहुंचते थे. नेता से अभिनेता तक उसके दरबार में माथा टेकते थे. चार दशक के भीतर ही उसने 10 हजार करोड़ रुपए का साम्राज्य बना लिया.
अब आसाराम बापू की बेटी भारतीश्री ट्रस्ट की गतिविधियों का संचालन करती है. करीब नौ साल से आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं जेल में हैं. सूरत की एक महिला से रेप के मामले में 81 साल के आसाराम को गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल 2018 को एक नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
Asaram Bapu का करोड़ों का साम्राज्य संभल रही बेटी भारतीश्री
कई साल पहले ‘संत श्री आसाराम ट्रस्ट’ बना था. इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है, लेकिन आसाराम ने देश-विदेश में जितने भी आश्रम, स्कूल या बाकी संस्थान बनाए हैं, उनकी देख-रेख इसी ट्रस्ट के जरिए भारती देवी कर रही हैं. भारती पिछले 19 सालों से आश्रमों और ट्रस्ट को मैनेज कर रही हैं, लेकिन हमेशा लाइम लाइट से दूर रही हैं.

भारतीश्री को जानने वालों का कहना कि वह ना केवल खूब यात्राएं करती हैं बल्कि देश भर में फैसे उनके सामाज्य को संभालती हैं. आसाराम बापू के देशभर में 400 से ज्यादा आश्रम हैं. 1500 से ज्यादा सेवा समितियां और 17 हजार से ज्यादा बाल संस्कार केंद्र हैं. उनके 40 से ज्यादा गुरुकुल भी हैं. कुल मिलाकर आसाराम की संपत्ति 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा है.
कैसे भारतीश्री करोड़ों का साम्राज्य संभालती हैं?
अहमदाबाद के आश्रम परिसर के अंदर भारतीश्री आरती स्थल में शामिल होती हैं. इस दौरान 48 साल की भारती प्रवचन देती हैं. वह प्रवचन के दौरान बापू की तरह नाचती हैं, गाती हैं. फूलों से उसी तरह श्रृंगार करती हैं, जैसे आसाराम किया करते थे. वह हाथ उठाकर भीड़ को उत्साहित करने की कोशिश करती हैं.
प्रवचन करते समय वो मंजी हुई प्रवचनकर्ता लगती हैं. आसाराम के भक्तों की मानें तो भारती का प्रवचन बेहद सम्मोहित करने वाला होता है. आश्रम की आरती संबंधी गतिविधियां रोजाना यूट्यूब पर डाली जाती हैं. भारतीश्री का सबसे बड़ा हुनर है कि किसी भी बात को आसानी से लोगों के दिमाग में बिठा देना.

कैसे बना आसाराम का करोड़ों का साम्राज्य
अहमदाबाद में पहला आश्रम बनाने के बाद करीब 20 से 30 सालों में ही आसाराम के अनुयायियों की संख्या इतनी बढ़ गई कि अब देश-विदेश में उनके 400 से अधिक आश्रम हैं. इनमें 40 से 50 गुरुकुल हैं. इसके अलावा 17 हजार से ज्यादा बाल समाधि केंद्र, 1500 से ज्यादा सेवा समितियां भी हैं. आसाराम एक आध्यात्मिक गुरु के साथ ही व्यवसायी भी बन गए.
उनके आश्रमों में विभिन्न उत्पादों की बिक्री भी होने लगी. याददाश्त बढ़ाने के लिए स्मृतिचूर्ण, जोड़ों के दर्द के लिए संधिशुल्हर चूर्ण, कैंसर के लिए गोली, शरबत, च्यवनप्रास और आंखों की दवा. इतना ही नहीं, कई आश्रमों में तो आयुर्वेदिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी बिकते थे. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि अहमदाबाद की एक कंपनी को आश्रम के उत्पादों की पैकेजिंग के लिए सालाना 350 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था.
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