Assembly Election 2023: तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को अपना घोषणापत्र जारी किया. घोषणापत्र कल्याण और सामाजिक उत्थान पर ध्यान देने के साथ पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तृणमूल के शासन मॉडल को दर्शाता है. इसमें बंगाल की कई सफल योजनाएं शामिल की गई हैं.बता दें कि टीएमसी 16 फरवरी को होने वाले चुनाव में 28 विधानसभा सीट पर लड़ रही है.
दो लाख नौकरियां देने का वादा
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने में कहा कि अगर पार्टी त्रिपुरा में सत्ता में आती है तो वह पहले साल में ही 50,000 नई नौकरियां और पांच साल में दो लाख नौकरियां सृजित करेगी. घोषणापत्र के अनुसार, तृणमूल ने पश्चिम बंगाल की तरह ही सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं की डोरस्टेप डिलीवरी प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत और नगरपालिका वार्ड स्तरों पर ‘दुआरे सरकार’ शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है. घोषणापत्र में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड सहित कई कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया गया है.

Assembly Election 2023 के लिए घोषणा पत्र में हुए ये वादे
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “टीएमसी बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता प्रदान करेगी और छंटनी के शिकार 10,323 शिक्षकों को भी इसका लाभ तब तक मिलेगा, जब तक उनका कानूनी मामला हल नहीं हो जाता.’’
टीएमसी ने एक कौशल विश्वविद्यालय शुरू करने, छात्र क्रेडिट कार्ड और उन लोगों के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराये जाने का भी वादा किया, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं.
इसके अलावा कक्षा चार से आठ तक के छात्रों को भी 1,000 रुपये वार्षिक वजीफा दिया जाएगा.
टीएमसी के राज्य प्रभारी राजीव बनर्जी ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो घोषणापत्र में किए गए वादों को सही मायने में लागू किया जाएगा.
यह दावा करते हुए कि देश के किसी अन्य राज्य ने पिछले 11 वर्षों में पश्चिम बंगाल जैसा विकास नहीं किया है, उन्होंने कहा कि घोषणापत्र ‘विकास के बंगाल मॉडल’ के अनुसार तैयार किया गया है.
त्रिपुरा में 16 फरवरी को होगा चुनाव
तृणमूल (TMC) ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए 22 उम्मीदवारों की घोषणा की है और वह इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. त्रिपुरा (Tripura Assembly Elections) में 16 फरवरी को मतदान होगा. घोषणा पत्र पर सांसद सुष्मिता देव ने कहा, “हम सभी संस्कृतियों, भाषाओं, जातियों और धर्मों को एक साथ आगे ले जाना चाहते हैं. हम एक सांस्कृतिक केंद्र का वादा कर रहे हैं, जो त्रिपुरा की कई सांस्कृतिक परंपराओं पर काम करेगा और उन्हें बढ़ावा देगा.”
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